शक सम्वत 1940 विलम्बी
विक्रम सम्वत 2075
काली सम्वत 5120
दिन काल 13:55:09
मास आषाढ
तिथि षष्ठी – 24:08:29 तक
नक्षत्र पूर्वभाद्रपदा – 29:23:19 तक
करण गर – 11:23:35 तक, वणिज – 24:08:29 तक
पक्ष कृष्ण
योग आयुष्मान – 07:16:05 तक
सूर्योदय 05:27:47
सूर्यास्त 19:22:57
चन्द्र राशि कुम्भ – 22:54:22 तक
चन्द्रोदय 23:29:00
चन्द्रास्त 10:33:59
ऋतु वर्षा
दिशा शूल: उत्तर में
राहु काल वास: दक्षिण-पश्चिम में
नक्षत्र शूल: दक्षिण में 29:23+ तक
चन्द्र वास: पश्चिम में 22:54 तक, उत्तर में 22:54 से
भगवान गणेश सभी दु:खों को दूर करने वाले हैं. प्रसन्न होने पर श्रीगणेश भक्तों की सभी मन्नतें पूरी करते हैं. किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान श्रीगणेश की ही पूजा होती है. अलग-अलग कामनाओं को पूरा करने के लिए भगवान गणेश के विभिन्न उपाय किए जाते हैं.
ये उपाय अगर बुधवार या चतुर्थी तिथि को किए जाएं तो और भी जल्दी फल प्राप्त होते हैं.
1- अगर आपके जीवन में बहुत परेशानियां हैं और कम नहीं हो रही है तो आप बुधवार के दिन किसी हाथी को हरा चारा खिलाएं और गणेश मंदिर जाकर भगवान श्रीगणेश से परेशानियों का निदान करने के लिए प्रार्थना करें.
2- बुधवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद एक कांसे की थाली लें और उस पर चंदन से ऊँ गं गणपतयै नम: लिखें. इसके बाद इस थाली में पांच बूंदी के लड्डू रखें व समीप स्थित किसी गणेश मंदिर में दान कर आएं. इस उपाय से अचानक धन धन लाभ होने की संभावना बढ़ जाएगी.
3- बुधवार के दिन सुबह समीप स्थित किसी गणेश मंदिर जाएं और भगवान श्रीगणेश को 21 गुड़ की ढेली के साथ दूर्वा रखकर चढ़ाएं. इस उपाय को करने से भगवान श्रीगणेश भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं. ये बहुत ही चमत्कारी उपाय है.
4- अगर आपको धन की इच्छा है तो इसके लिए आप बुधवार या चतुर्थी तिथि के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान श्रीगणेश को शुद्ध घी और गुड़ का भोग लगाएं.
5- शास्त्रों में भगवान श्रीगणेश का अभिषेक करने का विधान भी बताया गया है. बुधवार के दिन भगवान श्रीगणेश का अभिषेक करने से विशेष लाभ होता है.
6- इस दिन किसी गणेश मंदिर जाएं और दर्शन करने के बाद यथासंभव दान करें. दान से पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान श्रीगणेश भी अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं.
–आज का राशिफल–
निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम 22:54 तक:
मेष, वृषभ, सिंह,
कन्या, धनु, कुम्भ
*कर्क राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र
उसके पश्चात –
निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम अगले दिन सूर्योदय तक:
वृषभ, मिथुन, कन्या,
तुला, मकर, मीन
*सिंह राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी–वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
– बुधवार का चौघडिय़ा –
दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- लाभ पहला- उद्वेग
दूसरा- अमृत दूसरा- शुभ
तीसरा- काल तीसरा- अमृत
चौथा- शुभ चौथा- चर
पांचवां- रोग पांचवां- रोग
छठा- उद्वेग छठा- काल
सातवां- चर सातवां- लाभ
आठवां- लाभ आठवां- उद्वेग
* दिन का चौघडिय़ा– अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा– अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं– रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु–ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!