मुम्बई, महाराष्ट्र: आई आई टी बॉम्बे के 56वें दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने देश के युवाओं को राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए प्रोत्साहित किया। मोदी ने अपने भाषण में कहा की संस्थान को ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ के लिए चुना गया है जिससे की इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए एक हज़ार करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मिलगी।
मोदी ने देश-विदेश के छात्र-छात्राओँ को डिग्री पाने पर बधाई दी साथ ही रोमेश वाधवानी को डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि देने पर बधाई दी। रोमेश वाधवानी आई आई टी बॉम्बे के पूर्व छात्र रहे हैं और पिछले काफी वर्षों से देश की तरक्की को लेकर काफी काम कर चुके हैं।
युवाओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, आने वाले दो दशकों में दुनिया का विकास कितना और कैसा होगा, ये इनोवेशन और नई टेक्नॉलॉजी तय करेगी। ऐसे में आपके इस संस्थान का रोल बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। चाहे 5जी ब्रॉडबैंड टेक्नॉलॉजी हो, आर्टिफिशल इंटेलिजेंन्स हो, ब्लॉक चैन तकनीक हो, बिग डेटा एनालिस्स हो या फिर मशीन लर्निंग, ये वो तकनीक है जो आने वाले समय में स्मार्ट विनिर्माण और स्मार्ट सिटीज के विजन के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होने वाली है।
मोदी ने कहा की दुनिया आई आई टी को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी के रुप में जानती है लेकिन अब ये इंडियास इंस्टरूर्मेंट ऑफ ट्रांसफॉरमेशन बन गया है।
अपनी सरकार की उपलब्धि पर मोदी ने कहा बीते चार वर्षों में 7 नए आई आई टी, 7 नए आई आई एम, 2 आई आई एस ई आर और 11 आई आई आई टी, स्वीकृत किए गए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए RISE यानि Revitalisation of Infrastructure and Systems in Education कार्यक्रम शुरु किया गया है। इसके तहत आने वाले चार वर्षों में एक लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।