नई दिल्ली: डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। रुपए में 42 पैसे की बड़ी गिरावट आई और यह 70.52 के स्तर पर फिसल गया। डॉलर के मुकाबले रुपया बुधवार को 22 पैसे की कमजोरी के साथ 70.32 के स्तर पर खुला था। रुपए का अब तक का सबसे निचला स्तर 70.40 प्रति डॉलर था, 16 अगस्त को रुपया इस स्तर पर पहुंचा था। लेकिन, आज यह स्तर पर भी टूट गया। रुपए की यह गिरावट जल्द ही आपकी जेब पर भी असर डालने वाली है।
पेट्रोल–डीजल होगा महंगा
डॉलर के मुकाबले रुपए के 70 के स्तर पार पहुंचने का असर क्रूड ऑयल के इंपोर्ट पर हो सकता है। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी से ज्यादा क्रूड ऑयल आयात करता है। ऐसे में डॉलर की कीमतें बढ़ने से इनके इंपोर्ट के लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी। इंपोर्ट महंगा होगा तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ा सकती हैं।
बढ़ सकती है महंगाई
देश में खाने-पीने की चीजों और दूसरे जरूरी सामानों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए डीजल का इस्तेमाल होता है। ऐसे में डीजल महंगा होते ही इन सारी जरूरी चीजों के दाम बढ़ेगा। अगर पेट्रोलियम उत्पाद महंगे हुए तो पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ साबुन, शैंपू, पेंट इंडस्ट्री की लागत बढ़ेगी, जिससे ये प्रोडेक्ट भी महंगे हो सकते हैं। ऑटो इंडस्ट्री की लागत बढ़ेगी, साथ ही डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी से माल ढुलाई का खर्च भी बढ़ने का डर रहता है। रुपए में गिरावट बनी रही तो कार कंपनियां आगे कीमतें बढ़ाने पर विचार कर सकती हैं।
रुपए में कमजोरी के फायदे
रुपए की कमजोरी से आईटी सेक्टर को फायदा मिलेगा। आईटी कंपनियों की बड़ी कमाई एक्सपोर्ट से होती है, ऐसे में कमजोर रुपए से फायदा जरूर मिलेगा। फार्मा कंपनियों को भी फायदा होगा। फार्मा कंपनियों के कारोबार में एक्सपोर्ट बड़ा हिस्सा है और डॉलर में आमदनी का बड़ा हिस्सा है। पश्चिमी देशों में बड़ी कंपनियों का कारोबार है। टूरिज्म सेक्टर को भी फायदा होगा। कमजोर रुपए से ज्यादा टूरिस्ट भारत आना चाहेंगे। साथ ही कमजोर रुपए की वजह से भारत में यात्रा सस्ती होगी।