देहरादून, उत्तराखंड: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज दिन में करीब साढ़े ग्यारह बजे प्रदेश के सबसे बड़े व पहले आर्च ब्रिज का शुभारंभ करने उत्तरकाशी के देवीसौड़ में जाएंगे। इस पुल का उद्घाटन होने से करीब 40 गांवों की 60 हजार आबादी को राहत मिलेगी। अब लोगों को करीब तीस किमी अतिरिक्त चलकर गांव नहीं जाना पड़ेगा।
दरअसल वर्ष 2006—07 में टिहरी बांध की झील में दिचली—गमरी के लिए बने देवीसौड़ पुल के डूब जाने के बाद इस क्षेत्र के करीब 40 गांवों की 60 हजार आबादी अलग—थलग पड़ गई थी। पुल न होने के कारण इन ग्रामीणों को धरासू से होकर 30 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करके आना—जाना पड़ रहा था।
ग्रामीणों की मांग पर वर्ष 2012 में चिन्यालीसौड़ से दिचली गमरी क्षेत्र को जोड़ने के लिए स्टील आर्च ब्रिज की स्वीकृति हुई। बीती 15 जुलाई को यह पुल तैयार हो गया। लेकिन, ठेकेदार का कुल 52 करोड़ में से चार करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हुआ है, जिससे वह पुल खोलने को तैयार नहीं था। चिन्यालीसौड़ व्यापार मंडल अध्यक्ष कृष्णा नौटियाल ने बताया कि ठेकेदार ने पुल के दोनों छोर पर मिट्टी का ढेर लगा दिया है, जिससे वाहनों की आवाजाही नहीं हो पा रही थी। हालांकि इसके बाद सरकार ने ठेकेदार का भुगतान कर दिया था।
अब सीएम त्रिवेंद्र रावत इसका उद्घाटन करने जा रहे हैं। इसके बाद लोगों की दुश्वारियां दूर हो जाएंगी। कार्यदायी संस्था के इंजीनियर सोनू जांगड़ा ने बताया कि यह ब्रिज देश का सबसे बड़ा स्टील आर्च ब्रिज है। इस स्टील आर्च ब्रिज की लंबाई 162 मीटर है। इस पुल के बनने से जोगत, नेरी, तुल्याड़ा, भड़कोट, बादसी, पुजार गांव, खांड, अनोल, मल्ली, बंधाण गांव, गढ़वालगाड, खालसी, जोगत तल्ला, मल्ला, जगडग़ांव, बगोड़ी, मणी, कुमराड़ा, बनकोट, जुग्याड़ा, कोडारगाड़ सहित 40 से भी अधिक गांवों के ग्रामीणों को लाभ मिल पाएगा।