नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) का तीन दिवसीय कार्यक्रम सोमवार से दिल्ली में शुरू हो रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य केंद्र हिंदुत्व होगा। ‘भविष्य का भारत- आरएसएस का दृष्टिकोण’ विषय पर यह कार्यक्रम 17 से 19 सितंबर तक दिल्ली के विज्ञान भवन में होगा। जहां भविष्य के भारत की परिकल्पना और संघ की सोच के विषय पर मोहन भागवत संवाद करेंगे। कार्यक्रम में 40 दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है।
कार्यक्रम में कई गणमान्य लोगों के भाग लिए जाने की उम्मीद की जा रही है, जिनमें धार्मिक नेता, फिल्म कलाकार, खेल हस्तियां, उद्योगपति और विभिन्न देशों के राजनयिक शामिल हैं। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी व समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव इस समारोह में शामिल नहीं होंगे।
संघ का कहना है कि प्रबुद्ध वर्ग राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर संघ का दृष्टिकोण जानने को उत्सुक है इसलिए समसामयिक मुद्दों पर संघ के विचार मोहन भागवत सबके सामने रखेंगे। संघ की ओर से प्रेस रिलीज कर इस कार्यक्रम की जानकारी दी गई है।
संघ की ओर से कहा गया था कि भारत आज विश्व में अपना विशिष्ट स्थान प्राप्त करने के लिए अग्रसर है। साथ ही समाज का एक बड़ा प्रबुद्ध वर्ग राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न विषयों पर संघ का दृष्टिकोण जानने को उत्सुक है, ऐसा अनुभव आ रहा है। इसी परिपेक्ष्य में इस व्याख्यानमाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में सरसंघचालक मोहन भागवत राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर संघ का विचार सब के सामने रखेंगे।