बिहार के विधायकों के वेतन, भत्ते अन्य सुविधाओं में होगी और वृद्धि / अनामी शरण बबल
बिहार के 318 विधायकों में 243 (MLA) और विधानपरिषद के सदस्य 75 विधायक (MLC) के मासिक वेतन भत्ते और सुविधाओं में बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है संभव है कि नये साल में बिहार जैसे गरीब राज्य के विधायकों के वेतनमान में कुछ वृद्धि होने के बाद गरीब जनता के दयनीय हालत वाले गरीब विधायकों की भी गरीबी कुछ कम हो सकती है। इन विधायकों पर अभी प्रतिमाह 11 करोड रुपये खर्च होते हैं। बिहार कैबिनेट की मंजूरी के बाद विधानमंडल के अगले सत्र में मंजूरी मिलेगी जिसके बाद नये साल से विधायकों को नया समृद्ध और स्मार्ट वेतन मिलने लगेगा। नया वेतनमान क्या है इसकी रुपरेखा तो अभी मंजूरी मिलने तक गोपनीय है। आइए पहले यह जान लें कि बिहार के जनसेवकों को अभी मिल क्या रहा है। मौजूदा विधायकों में से हर विधायक का मासिक वेतन – 80 हजार रुपये मासिक, क्षेत्रीय भतता-20 हजार रुपये मासिक, पटना में रहने का रोजाना दैनिक भत्ता हजार रूपये, विधानसभा सत्र के दौरान का रोजाना दैनिक भत्ता दो हजार रूपये, हवाई और रेल यात्रा का सालाना भत्ता दो लाख रुपये, तीन फोन के लिए सालाना बिल के लिए सालाना 50 हजार रूपये, फर्नीचर के लिए सालाना 50 हजार रुपये, पटना आने जाने के लिए 20 रूपये प्रति किलोमीटर से भुगतान सरकारी आवास या 28 हजार रूपये मासिक चिकित्सा भत्ता में पूर्ण भुगतान, कार्यालय खर्च 15 हजार मासिक, विधायक के लिए निजी सहायक कूद लिए 15 हजार मासिक कम्प्यूटर के लिए 50 हजार रूपये सालाना , कार के लिए दस लाख का कर्ज सालाना पांच फीसदी ब्याज पर देय होता है यानी कुल मिलाकर एक विधायक पर हर माह सरकारी खजाने से अमूमन तीन से साढ़े तीन लाख रुपये का खर्च आता है और करीब 11 करोड़ मासिक करीब 132 करोड सालाना और पांच साल के दौरान चिकित्सा के खर्च को जोडकर देखें तो करीब 800 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की रकम बिहार के जनसेवकों पर खर्च हो जाते हैं। बिहार के विधायकों का दर्द है कि इनका मूल वेतन 26 हजार रुपये का झारखंड बंगाल और उड़ीसा से भी कम है। लंबे समय से विधायक अपने ने वेतनमान मे बढोतरी की मांग कर रहे हैं। विधायकों की मांग पर सहमति बनती जा रही है। बिहार कैबिनेट में मंजूरी मिल चुकी है। अगले सत्र में इसकी मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है। और मंजूरी के बाद विधायकों को नये साल में नया वेतनमान हासिल होगा। जिसमे तकरीबन एकलाख 40 हजार रुपये की विभिन्न मदो में वृद्धि की गयी है। यानी सरकारी खजाने से हर माह 11 करोड का बजट मुमकिन है कि 15 करोड़ रूपये का खर्च की संभावना है ह यानी एक विधायक को अब संभव है कि हर माह पांच लाख रुपये टैक्स रहित कई मदो के चौराहे से होकर जेब में चली जाएगी ।। तो गरीब बिहार का रोना रोने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब कमसे कम गरीब बिहार के गरीब जनसेवकों के लिए कहीं रोना और कम वेतनमान के लिए शर्मिंदा नहीं होना पड़ेगा।