यूपी में सामाजिक समरसता की बजाय उन्मादी डर के माहौल में जी रहे हैं लोग- राज बब्बर / अनामी शरण बबल
भारतीय जनता पार्टी ने जिस चमत्कारी अंदाज में उत्तरप्रदेश लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की तो लगा था कि यूपी में विकास अमन सद्भावना का माहौल विकसित होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शुरूआती तीन साल तक बेहतर भी रहा। इसी तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सता अपराधियों और गैंगस्टरों के खिलाफ मुहिम आरंभ की तो लोगों की उम्मीदें बढ़ीं। मगर जिस तरह भीड़ का एकाएक इकठ्ठा होकर कभी गौकशी के नाम पर तो कभी चोरी कभी हिंसा तो कभी मंदिर मस्जिद के नाम पर उन्मादी भीड़ के सामूहिक अपराध से समूचा प्रदेश दहशत में है। इस उन्मादी माहौल में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। जिसका खामियाजा भी भाजपा को ही भुगतना होगा। लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा से बेहतर प्रदर्शन कांग्रेस सहित अन्य दलों का रहेगा, क्योंकि जनता की कसौटी पर मोदी और योगी खरा नहीं उतर सके। ना मालुम बदमाशों द्वारा एक लडकी को जिंदा जलाने की घटना की तफशीश के लिए आगरा आए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विख्यात फिल्म स्टार राज बब्बर ने समग्र भारत से फोन पर बातचीत करते हुए यूपी के राजनीतिक और सामाजिक माहौल पर प्रकाश डाला।—-: पूरे प्रदेश में सामाजिक समरसता और प्यार स्नेह सहयोग समर्थन का भरोसा टूट रहा है।एक उन्मादी माहौल से लोग आशंकित है। अपराधियों पर मुख्यमंत्री योगी का लगाम ढीला ढाला हो चला है। कानून व्यवस्था भी चिंताजनक हो गया है। लोकसभा चुनाव के हालात के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के लिए इस बार राह कठिन है। पिछले बार सबका जांदू चला था। और यूपी के परिणाम से सबको हैरानी भी हुई थी,मगर इस बार भाजपा के लिए राह सरल नहीं है। अयोध्या मामले में भी केंद्र और राज्य सरकार तनाव में हैं। —- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि इस बार भाजपा भी अपनी कामयाबी को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। हिंसा तनाव सामूहिक हिंसा से और लगातार बढ़ते अपराध से भी आम नागरिकों के मन में सरका के प्रति धारणा बदल रहीं हैं। आम लोगों की धारणा बदल रही है। विपक्षी एकता और महा गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर बब्बर ने कहा कि इस सामूहिक तालमेल को लेकर कांग्रेस की भूमिका सीमित है। सीटों को लेकर भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उदारवादी नजरिया अपनाया है लिहाजा यहां पर सपा बसपा और अन्य दलों की रूचि को तरजीह दी गयी। कांग्रेस के लगातार जनाधार विहीन होने के आरोप को नकारते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि लोगों का रूझान भी बढ़ा है। कांग्रेस की कमी महसूस भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि सूबे में करीब आधा दर्जन नेताओं और पार्टियों का रूतबा है। इनके नेताओं की लोकप्रियता के कारण और जातिगत आधार पर भी वोटरों की रूझान सीमित हो गई है। कांग्रेस का वोट हर जगह पर है मगर उनको साथ लेकर चलने वाले अलग अलग जातियों के दबंग नेताओं की कमी है क्षेत्रीय दलों के उभार के बाद नेशनल दलों का प्रभाव में कमी आईं हैं। लोकसभा चुनाव में एक साथएक तालमेल का अभाव दिखता है। एक अन्य सवाल के जवाब में बब्बर ने कहा कि लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव में सीटों के साथ कनेक्ट हो पाना भी कठिन होता है। कोई प्रत्याशी कांग्रेस के भरोसे नहीं रह पाता। यही सब कारण है कि कांग्रेस के प्रदर्शन पर असर पड़ा है।— अन्य विपक्षी दलों के नेताओं और चर्चित के बारे में कहा कि एक प्लेट फार्म पर बहुत से ताकतवर नेताओं का जमावड़ा है। अलग अलग जातियों और इलाके में सक्रिय दलों के चलते भी यूपी का समीकरण और विचारधारा में अंतर आया है। कांग्रेस के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर बब्बर ने कहा कि कांग्रेस का भविष्य सदा उज्जवल रहा है और रहेगा। मगर बहुत से दल दो एक नेताओं के भरोसे है,और नेताओ के जीवनकाल में ही बती बूझने लगती हैं। मगर अभी उनका जलवा कायम है।
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