नयी दिल्ली। अपने समर्थक सहयोगी दल शिवसेना को साथ रखने में भाजपा बुरी तरह नाकाम रही। शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे की नाराजगी को दूर करने में भाजपा सुप्रीमो अमित शाह सफल नहीं हुए। शिवराज ने लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने की मांग की।शिवसेना ने महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटों के वितरण के लिए भाजपा को 27 सीट और शिवसेना ने अपने लिए 21 सीटों का फार्मूला रखा है। अक्टूबर 2019 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लोकसभा चुनाव के साथ ही कराने का प्रस्ताव रखता है। विधानसभा के लिए 288 सीटों के वितरण के लिए शिवसेना ने भाजपा और शिवसेना के लिए 144-144 एक बराबर सीटों का फार्मूला रखा है। इसके साथ ही शिवसेना ने इस बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अपना दावा रखा है। शिवसेना के प्रस्ताव से मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस सकते में है। शिवसेना के चुनावी शर्तों से परिणाम कुछ भी रहे मगर खामियाजे में फडणवीस कुर्सी खतरे में है।शिवसेना और भाजपा के बीच पिछले दो साल से खटास कायम है। संबंधों को पाटने के लिए भाजपा सुप्रीमो अमित शाह ने कई बार कोशिश की। टिकट वितरण के फार्मूले पर सहमति नहीं बन पा रही थी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को शिवसेना से बातचीत करने का निर्देश दिया था। उद्धव ठाकरे से मुलाकात से पहले ही शिवसेना ने चुनावी फॉर्मूला दिया। जिसको देखकर मुख्यमंत्री को अपनी ही कुर्सी संकट में दिख रहा है। शिवसेना का यह प्रस्ताव उस समय आया है जब एनडीए को छोड़कर बाहर जाने का सिलसिला चालू है । ठीक उसी समय शिवसेना के इस फॉर्मूले से भाजपा सांसत में है। देखना है कि प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष शिवसेना के अॉफर को किस तरह निपटती है।