अनामी शरण बबल
अगर मुझे कुछ हुआ तो इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की होगी जिम्मेदारी- अन्ना हजारे
भ्रष्टाचार और सामाजिक जागरण की लड़ाई छेड़ने वाले बुजुर्ग समाजसेवी अन्ना हजारे पिछले पांच दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। इसके चौथे दिन उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कुछ हुआ तो उसकी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की होगी। गौरतलब है कि जन आंदोलन सत्याग्रह के बैनर तले 30 जनवरी से केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त नियुक्त करने की मांग को लेकर अन्ना हजारे भूख हड़ताल पर हैं। हजारे ने कहा, ‘लोग मुझे ऐसे इंसान के तौर पर याद रखेंगे जो स्थिति से निपटता था, ऐसे इंसान के तौर पर नहीं जो आग भड़काता था। अगर मुझे कुछ हुआ तो इसके लिए लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही जिम्मेदार मानेंगे।’
अन्ना हजारे ने कहा कि लोकपाल के जरिए प्रधानमंत्री के खिलाफ भी जांच हो सकती है, अगर लोग उनके खिलाफ कोई सबूत पेश करते हैं। इसी तरह लोकायुक्त के होने से मुख्यमंत्री और उनके नीचे काम करने वाले सभी मंत्री और विधायकों के खिलाफ कोई सबूत देता है तो उनके खिलाफ भी जांच हो सकती है। उन्होंने कहा कि इसीलिए कोई भी पार्टी लोकपाल या लोकायुक्त नहीं लाना चाहती। लोकपाल 2013 में संसद में पास हो गया था, लेकिन सरकार ने अभी तक नियुक्ति नहीं की है।
इस बीच अन्ना के स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे डॉक्टर धनंजय पोटे के अनुसार, आज़ उनके उपवास का पांचवा दिन है। उनका वजन 3.4 किलोग्राम कम हो गया है। अन्ना का रक्तचाप बढ़ गया है। उन्होंने अन्ना को कम से कम बात करने की सलाह दी है। इसके बावजूद हर तरह के लोगों का आना जाना बना हुआ है। अन्ना के लिए मौन रहना संभव नहीं हो पा रहा है, जिससे सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र का अन्ना हजारे के पास जवाब भी आया है, जिसमे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केवल चंद्र शब्द लिखे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अन्ना को लिखा- आपका पत्र मिला धन्यवाद। शुभकामनाएं।। प्रधानमंत्री के उपेक्षित और बेरूखी से अन्ना हजारे आहत हैं। प्रधानमंत्री के पत्र को सार्वजनिक करके अन्ना हजारे ने लोकपाल के प्रति सरकारी नजरिए को स्पष्ट कर दिया है। हालांकि लोकसभा चुनाव को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस चिंतित हैं। प्रदेश सरकारो अन्ना की सेहत पर ध्यान रख रही है, और इस भूख हड़ताल अनशन को समाप्त करने की कोशिश में लगी है।