अनामी शरण बबल
छह दिनों के अनशन पर बैठने के बाद सातवें दिन समाजसेवी अन्ना हजाने ने अपना धरणा खत्म कर दिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनका अनशन खत्म कराया। अन्ना लोकपाल और लोकायुक्त की मांग पर अहमदनगर के रालेगण सिद्धी में अनशन पर बैठे थे। मुख्यमंत्री की पहल पर अन्ना अन्न नाटक का पटाक्षेप हो गया।
इसबार समाजसेवी अन्ना हजारे का अनशन फीका था। लोकसभा चुनाव के दौरान अन्ना अनशन को मीडिया में भी सुर्खियां नहीं मिली। तब जाकर अन्ना विहवल हो उठे। पद्म विभूषण पदक लौटाने से लेकर सभी दलों पर अपने इस्तेमाल करने का आरोप लगाना चालू कर दिया।
गांव रालेगण सिद्धि में अन्ना अनशन के सातवें दिन उनसे मिलने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह और राज्य मंत्री सुभाष भामरे गए थे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अन्ना को आश्वासन दिया कि अगले सत्र में वह इस बिल को प्रस्तावित करेंगे। साथ ही इस मामले में एक जॉइंट ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन भी किया गया है।
उन्होंने अन्ना हजारे को बताया कि , ‘ लोकपाल कमेटी 13 फरवरी को बैठक करेगी और इसमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाएगा। एक जॉइंट डॉफ्टिंग कमेटी का गठन किया गया है, यह एक नया विधेयक तैयार करेगी, जिसे अगले सत्र में पेश करेंगे। मुख्यमंत्री फडणवीस ने अन्ना हजारे को समय समय पर इसकी प्रगति रिपोर्ट बताते रहने का भी भरोसा दिया। मुख्यमंत्री फडणवीस की बातों और आश्वासनों पर पिछले सात दिनों से उपवास पर बैठे अन्ना हजारे मुस्कुरा उठे। तब मुख्यमंत्री फडणवीस ने जूस का एक ग्लास पेश किया। जिसे अन्ना ने अपने हाथों में थाम लिया। तब मौके पर उपस्थित हजारों लोगों ने तालियां बजाकर पूरे माहौल को उल्लास में बदल डाला। मुख्यमंत्री के साथ पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने भी तालियों के साथ अन्ना हजारे के सामाजिक योगदान पर प्रकाश डाला। इस तरह अन्ना अन्न नाटक का पटाक्षेप करके मुख्यमंत्री ने अपनी अपने सरकार की और अन्ना हजारे की भी लाज रख ली गयी।