जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दो दिन पहले ही अपने निजी ट्विटर अकाउंट पर खुफिया इनपुट साझा किया था। इसमें पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकी गुट द्वारा सुरक्षा बलों पर आत्मघाती हमले को लेकर सावधान किया गया था।
पुलिस ने 33 सेकेंड का एक वीडियो भी साझा किया था। इसमें आतंकियों द्वारा सोमालिया के सैनिकों पर किए गए हमले को दिखाया गया था। इस वीडियो की तरह का ही हमला गुरुवार को पुलवामा में जवानों पर किया गया।
इस खुफिया वीडियो को अगर गंभीरता से लिया जाता तो इस त्रासदी से बचा जा सकता था। वीडियो में कहा गया था कि इंशाअल्लाह…ऐसा ही कश्मीर में होगा। अधिकारियों ने शक जताया है कि आतंकियों को पुलवामा के सीआरपीएफ के मूवमेंट की जानकारी मिल गई होगी। इसी के चलते आतंकियों ने इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक के साथ हमले को अंजाम दिया। जम्मू-कश्मीर में आतंकी विरोध पुलिस अभियान के चलते ज्यादातर आतंकी पुलवामा इलाके में सक्रिय हो गए हैं। दक्षिणी जम्मू कश्मीर में शिफ्ट हो रहे हैं। इसके बावजूद श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर यह लापरवाही भी अक्षम्य गलती रहीं हैं। श्रीनगर से न केवल 20 किलोमीटर पहले ही आतंकी आत्मघाती हमले से जाहिर है कि राज्य में सुरक्षा को लेकर बड़ा झोल है।