अनामी शरण बबल
प्रयागराज महाकुंभ 2019: कल्पवासियों के जाने के बाद सूना लगने लगा है कुंभ मेला
प्रयागराज महा कुंभ मेले से अखाड़ों की विदाई होने के बाद कल्पवासियों का यहां से वापस लौटने की घड़ी की बेला आरंभ हो गई है। इसके चलते मेला की चहल-पहल बेरंग होने लगी है। मेले का कल्पवास इलाका धीरे धीरे सूनसान विरान हो चला है। कल्पवासी अपने एक माह की तपस्या अवधि गंगा त्रिवेणी तट पर सांध्य संध्या पूजन मनन साधना तपस्या में लीन होकर बिताने के बाद अपने घरों की ओर से लौटने लगे हैं। हालांकि कुछ शिविर महाशिवरात्रि के स्नान के लिए रूके हुए भी हैं।
माघी पूर्णिमा स्नान के बाद कल्पवास समाप्त हो गया है। इस दिन स्नान ध्यान करने के बाद कल्पवासी की शिविरों में दिन भर में पूजा अर्चन कार्यक्रम चला। इसके बाद मेला क्षेत्र के सेक्टर 13 में बसे कल्पवासी शिविरों में घर लौटने का उत्साह लोगो में दिखा। परिवार के सदस्य माघी पूर्णिमा के बाद अपने जैसे खाने-पीने और पहनने ओढ़ने के सामान गाड़ियों से ढोने में लगे हैं। कुंभ मेला में इनकी साधना पूजा अर्चना और ध्यान का कुंभ में बड़ा महत्त्व है। इसलिए इन्हें खास तवज्जो के साथ मेला परिसर में सम्मानजनक स्थान दिया जाता है। पर कुंभ मेला अब अंतिम चरण में है। हालांकि कुंभ मेला के समापन में अभी 10 दिन बाकी हैं। अभी भी लाखों की भीड़ मेले की महत्ता और विशालता का परिचायक हैं। मगर धीरे धीरे इसकी चमक मंदा होने लगा है। ढेरों लोग जा चुके हैं। और प्रयागराज से वापसी का सिलसिला बरकरार है। सात सप्ताह के मेले का कद आकार रंग रौनक भी कमतर होने लगा है। सुरक्षा प्रबंधन को भी रोजाना घटने वाली भीड़ के साथ सूबे में अन्यत्र भेजा जा रहा है। उधर 26 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई को देखते हुए पुलिस सुरक्षा को उधर शिफ्ट किया जा रहा है।