अनामी शरण बबल
नयी दिल्ली। अगले तीन माह के दौरान 31 जुलाई 2019 तक विभिन्न बैंकों के देशभर में लगभग 40 प्रतिशत एटीएम यानी करीब एक लाख एटीएम बंद हो सकते हैं। इसकी जानकारी कॉन्फिड्रेशन ऑफ एटीएम एंडस्ट्री (कैट एमआई) ने अपनी रिपोर्ट में दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय देश में करीब 2,38,000 एटीएम संचालित हो रहे हैं जिनमें से 1,13,000 एटीएम को बंद करने के लिए चिन्हित किए गए हैं। महीने के अंत से एटीएम कोबंद करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएंगी। जिसे तीन माह के दौरान जुलाई के अंत तक बंद करने का प्रस्ताव है।
हालांकि रिपोर्ट में तकनीकी कारणों को प्रमुख बताया गया है कि एटीएम के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड के नए मानकों के कारण एटीएम को बंद करना आवश्यक है। दूसरे शब्दों कहें तो एटीएम का संचालन इन एजेंसियों के लिए मुश्किल हो रहा है।
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद से करीब सभी एटीएम को अपडेट करना पड़ा था, क्योंकि 2000 रुपये से लेकर 100 रुपये तक के सभी नोटों की अलग-अलग आकार के हो गए है। ऐसे में एटीएम को भी नोट की साइज के हिसाब से बदलना पड़ रहा है। नये चिप वाले एटीएम कार्डों के चलते भी एटीएम में आंशिक बदलाव किया गया था।
बंद होने वाले ज्यादातर एटीएम महानगरीय और उसके बाद के शहरों में है। इनका कहना है कि 60% एटीएम काफी व्यस्त हैं और इनसे निकासी भी बहुत बेहतर है। मगर 25-30% एटीएम में पब्लिक डीलिंग कम है। बहुत से एटीएम आस पास में होने की वज़ह से भी ढेरों बैंको के एटीएम खाली पड़े रहते हैं। इन्ही तमाम कसौटियों पर पिछले एक साल के गुणक पर गौर करते हुए ही यह निष्कर्ष निकाला गया है। ग्रामीण और छोटे शहरों में करीब 10% एटीएम लगाए भी जाएंगे। उन इलाकों में एटीएम यूजर्स काफी है। बैंक एटीएम में धनशोधन निकासी और जमा करने की व्यवस्था भी नियमित नहीं होने से यूजर्स को दिक्कतें होती हैं। वैसे इलाकों में एटीएम की संख्या में इजाफा होगा,मगर ढेरों मॉल मेट्रो स्टेशन बस स्टैंड पर से एटीएम हटाने की पहल आरंभ हो जाएंगी। एटीएम की सुरक्षा भी कठिन होता जा रहा है। एटीएम तोड़कर धन लूट लेना एटीएम को ही उखाड़कर ले भागने की घटनाएं भी संचालन एजेंसी के लिए कठिन है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए ही इस प्रक्रिया को धीमी कर दी गयी है। साथ में पब्लिक सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बैंकों ने कई तरह के निर्देश जारी किए हैं। यानी अब खाली पड़े एटीएम के दिन लदने वाले हैं।