समग्र समाचार सेवा, नई दिल्ली .18 मार्च. : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के जौलजीबी सेक्टर में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने लगातार हो रहे भूस्खलन और भारी बारिश के बावजूद तीन हफ्तों से भी कम समय में 180 फीट के बेली ब्रिज का निर्माण किया है। बादल फटने से इस क्षेत्र में आई बाढ़ के कारण नालों और नदियों में पानी भर जाने से 50 मीटर का स्पैन कंक्रीट पुल 27 जुलाई, 2020 को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। पानी के बहाव से इसे इससे जबरदस्त धक्का लगा था। भूस्खलन के कारण कई परेशानियां हुई और सड़क का संपर्क टूट गया।
बीआरओ ने पुल बनाने के लिए अपने संसाधनों को जुटाया। लगातार भूस्खलन और भारी बारिश के बीच सबसे बड़ी चुनौती परिवहन को दूसरी ओर पहुंचाना था। यह पुल 16 अगस्त, 2020 को सफलतापूर्वक पूरा हो गया था। इसके कारण बाढ़ प्रभावित गांवो तक पहुंचने में आसानी हुई है और जौलजीबी को मुनस्यारी से जोड़ा गया है।
ब्रिज के जुड़ाव से 20 गांवों के लगभग 15,000 लोगों को राहत मिलेगी। इस निर्मित पुल ने जौलजीबी से मुनस्यारी तक शुरू होने वाली 66 किलोमीटर सड़क से सड़क संचार को फिर से शुरू कर दिया है। स्थानीय सांसद अजय टम्टा ने जौलजीबी से 25 किलोमीटर की दूरी पर लुमटी और मोरी के सबसे अधिक प्रभावित पृथक गांवों के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की थी, जहां अधिकतम मौतें हुई थीं। यह पुल गांवों के पुनर्वास में आवश्यक सहयोग देगा।