समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर।
वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी भी ऑफिस का मुख्य द्वार उत्तर पूर्व दिशा की तरफ अगर खुलता है तो यह बेहद शुभ होता है। वहीं अगर ऐसा ना हो तो कहा जाता है कि यह ऑफिस हमेशा विवादों में फंसा रह सकता है।
ऑफिस ऐसी जगह है, जहां किसी भी कामकाजी मनुष्य के जीवन का महत्वपूर्ण समय व्यतीत होता है और हर कोई अपने ऑफिस में आजीविका के लिए धन कमाने का प्रयास करता है। ऑफिस का निर्माण भी घर के निर्माण जितना ही महत्त्वपूर्ण है। ऐसे में ऑफिस के निर्माण के समय वास्तु-शास्त्र के नियमों को जान लेना बेहद आवश्यक है।
1.वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी भी ऑफिस का मुख्य द्वार उत्तर पूर्व दिशा की तरफ अगर खुलता है तो यह बेहद शुभ होता है। वहीं अगर ऐसा ना हो तो कहा जाता है कि यह ऑफिस हमेशा विवादों में फंसा रह सकता है।
2.ऑफिस की दीवारों को रंगने के लिए हल्के रंगों का चुनाव करना वास्तु के अनुसार शुभ बताया गया है। ऑफिस की दीवारों को रंगने के लिए सफेद क्रीम या पीले रंग का चुनाव कर सकते हैं, क्योंकि यह हल्के रंग रोशनी को कम करते हैं। वहीं अगर आप ऑफिस में पानी की व्यवस्था ईशान कोण में करते हैं तो यह आपके लिए बेहद शुभ होगा। ईशान कोण यानि कि उत्तर पूर्व दिशा।
3.ऑफिस के मेन गेट के ठीक सामने किसी भी टेबल को नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बाधित करता है। वहीं, ऑफिस के मुख्य गेट के सामने किसी शुभ चिन्ह जैसे कि भगवान गणेश या स्वास्तिक को लगाएं। इससे सकारात्मक ऊर्जा आपके ऑफिस में प्रवेश करती है।
4. इसके साथ ही ऑफिस के मालिक या बॉस का कमरा मुख्य द्वार से लगा लगा हुआ या सटा हुआ नहीं होना चाहिए। मुख्य द्वार पर किसी ऐसे कर्मचारी का टेबल लगा होना चाहिए, जो आगंतुकों और बॉस के बीच में संपर्क स्थापित करने में मदद करता है।
5. ऑफिस के मालिक या बॉस की कुर्सी के पीछे कभी भी खिड़की का निर्माण ना हो और ना ही बॉस की कुर्सी के ऊपर बीम पड़े, क्योंकि यह आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है।