समग्र समाचार सेवा
गुरुग्राम,6जनवरी।
कामधेनु गोधाम में आज अंग्रेजी नव वर्ष का अभिनंदन एवं मासिक हवन का आयोजन हुआ । इस अवसर पर गोधाम में आशीर्वचन पूजनीय योगाचार्य स्वामी बालेंदु गिरी जी महाराज, कोटेश्वर महादेव मंदिर ऋषिकेश एवं स्वामी विष्णु भक्त दास जी अक्षय पात्र फाउंडेशन, वृंदावन ने किया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री एस. उदय कुमार सागर जी, अतिरिक्त महाधिवक्ता हरियाणा विशिष्ट अतिथि श्री रमेश कांडपाल जी, प्रसिद्ध विद्वान भारतीय अणुव्रत न्यास, दिल्ली एवं श्री दिनेश गुप्ता जी, CA एवं प्रसिद्ध उद्योगपति, अशोक विहार, दिल्ली, अन्य विशिष्ट अतिथि एवं हरियाणा राज्य और देश के अनेक महानुभाव उपस्थित रहेंगे ।
सर्व प्रथम हवन का आयोजन किया गया । हवन मे प्रथा के अनुसार दिसंबर मास मे संस्थान से जुड़े गोभक्तों एवं देश के महानुभावों के जन्मदिन, पुण्यतिथि एवं शादी की वर्ष गांठ इत्यादि पर आहुति अर्पित की गई । उसके उपरांत दिसंबर मास में ब्रह्मलीन गोभक्त श्री सोम चतुर्वेदी जी, भारत सरकार के पूर्व संचार सचिव, फरीदाबाद के श्री आशीष ग्रोवर जी, दिल्ली के श्री तनय जैन जी, अंबाला कैंट के श्री कुलभूषण विंदलास जी एवं गुरुग्राम के श्री पृथ्वी राज बंसल जी को श्रद्धांजलि के रूप मे आहुति दी गई ।
उसके उपरांत पूजनीय योगाचार्य स्वामी बालेंदु गिरी जी महाराज का स्वागत सुनील जिंदल जी और सुधांशु पांडे जी ने, स्वामी विष्णु भक्त दास जी का आर के अग्रवाल जी एवं श्री अनिल सिंघल गोहाना ने, श्री एस. उदय कुमार सागर जी का आदर्श गर्ग जी एवं धर्मवीर गर्ग जी ने, श्री रमेश कांडपाल जी का राजकुमार शर्मा जी ने, श्री दिनेश गुप्ता जी का स्वागत रुचिर गुप्ता जी ने, पंडित अश्वनी भारद्वाज जी का वजीराबाद (रिवाड़ी) निवासी वेदराम जी ने एवं मयंक गुप्ता जी का स्वागत पंडित महावीर (हयातपुर ) जी ने किया ।
संस्थान के संस्थापक डॉ एस. पी. गुप्ता जी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और सभी को अंग्रेजी नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए बताया कि अंग्रेजी नव वर्ष का वैसे तो कोई वैज्ञानिक, नक्षत्र या प्रकृतिक आधार नहीं है वहीं हमारा भारतीय / हिन्दू नव वर्ष जो चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ होता है उसको नक्षत्र, प्राकृतिक एवं वैज्ञानिक सटीक गणना के आधार पर किया गया है उस समय प्रकृति परम आनंद से भरपूर होती है । हमे अपनी संस्कृति को अपनाने की जरूरत है और उसपर ज्यादा महत्त्व देना चाहिए परंतु आज हम उसे भूलते जा रहे है । अंग्रेजी नव वर्ष पर भी शुभकामनाएं देनी चाहिए क्योंकि ये भी हमे अंग्रेजों से विरासत मे मिला है । उन्होंने बताया कि हम जीवन मे प्रकृति से हमेशा लेते ही रहते है इसी लिए पहले हमारे पूर्वजों की दान देने कि प्रथा हुआ करती थी जो हमे पूर्वजों से संस्कारों मे मिलती थी उससे हमे परोपकार एवं अच्छे कर्म करने की प्रेरणा मिलती है । उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि आज हम सबको प्रण लेना चाहिए कि हम भी जीवन मे दूसरों की भलाई के लिए अच्छे कार्य करें तथा कम से कम एक अपनी बुरी आदत को त्यागें ।
उसके उपरांत प्रवर गुप्ता ने केवल गौ माता द्वारा ही आत्मनिर्भर भारत के ऊपर एक कविता सुनाई जिसका सभी ने स्वागत किया फिर पंडित अश्वनी भारद्वाज जी ने भजन गा कर सबका मन मोह लिया ।
श्री एस. उदय कुमार सागर जी ने इस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए डॉ एस पी गुप्ता जी को कामधेनु गोधाम मे बुलाने के लिए धन्यवाद किया एवं बताया कि गौ माता का आंदोलन 1882 मे दयानंद सरस्वती जी ने प्रारंभ किया था और मुझे बड़ी खुशी है कि डॉ एस पी गुप्ता जी एवं शशि गुप्ता जी इस अभियान को आगे ले जा रहे है । इस अवसर पर उन्होंने कामधेनु गोधाम को एक गाय दान करने का संकल्प लिया ।
श्री दिनेश गुप्ता जी ने बताया कि यह अंग्रेजी कलेंडर नहीं है यह ईसा का कलेंडर है, ईसा के जन्म से आज 2021 वर्ष हो चुके है हमारा देश धर्मनिरपेक्ष देश है परंतु हम सब इसको मानते है जो सिर्फ ईसा से संबंधित है इसका कोई संबंध जोगरफी, एस्ट्रोलॉजी या हमारी संस्कृति से नहीं है । हमे इसका विरोध करना चाहिए और हमारे भारतीय कैलेंडर को मानना चाहिए जो हमारे देश के पार्लियामेंट द्वारा भी पास है । उन्होंने बताया कि हमारा देश आत्मनिर्भर गाय माता द्वारा ही बन सकता है गाय माता ऍग्रो वेस्ट खा कर हमे इतना पोस्टिक दूध देती है साथ ही गौ मूत्र, गोबर एवं अन्य चीजे देती है जो सभी हमे किसी न किसी रूप मे लाभदायक है ।
श्री रमेश कांडपाल जी ने बताया कि मेरा मानना है कि हमे हर चीज मे से अच्छी चीज को अपनाना चाहिए और बुरी चीज को दूर करना चाहिए । हमारे देश मे शादी के समय लड़की के साथ गाय को दान दिया जाता था क्योंकि यह माना जाता था कि गाय से ही घर मे संपन्नता आएगी । इससे हमे पता चलता है कि गाय हमारे लिए कितनी लाभदायक है । इसके बिना हमारा देश आत्मनिर्भर बन ही नहीं सकता । इसके लिए हम सब को गाय के विकास के लिए कुछ न कुछ प्रयास करना चाहिए ।
स्वामी विष्णु भक्त दास जी ने बताया कि गौ माता के मूल्य का वर्णन तो भगवान श्री कृष्ण ने अपनी लीलाओं द्वारा किया था । श्री कृष्ण भगवान का नाम ही गोपाल बताया गया है क्योंकि उनको गौ माता से बड़ा प्रेम था । उन्होंने तरह-तरह की लीलाएं करके अपना प्रेम गौ माता के लिए दर्शाया, उससे भगवान बताना चाहते है कि गौ माता सर्वश्रेष्ठ है । हमारे शास्त्रों मे भी हमारी सात तरह की माताओं मे से एक गाय माता को बताया गया है । हमे गाय को भी माता की तरह पूजना चाहिए ।
पूजनीय योगाचार्य स्वामी बालेंदु गिरी जी महाराज जी ने भी गोधाम की प्रशंसा करते हुए योग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बाते सभी को बताई ।
अंत में शशि गुप्ता जी ने सभी का धन्यवाद किया और बताया कि हमे समझने की जरूरत है कि गाय माता हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सबसे जरुरी है। गाय माता की वजह से ही कभी हमारा देश आत्मनिर्भर ही नहीं विश्व में अग्रणी हुआ करता था । एक गाय एक परिवार के लिए भोजन और ऊर्जा देने में सक्षम है। हमें उसके सही से उपयोग करना सीखने की जरुरत है। गाय का दूध अमृत समान है और अमृत की कोई कीमत नहीं लगा सकते।
इस अवसर पर दिल्ली से समाज सेवी सी पी भल्ला जी, चंद्रशेखर जी, ब्रिजेश कुमार, विजयपाल जी, श्री कृष्ण बासिया जी, फतहचंद बंसल तावडू, सुनील जांगड़ा जी हरियाणा उदय न्यूज़, संस्थान की उपाध्यक्ष उषा गर्ग जी, पायल गर्ग, पायल गुप्ता, डिंपल गुप्ता, धर्मपत्नी वेदराम रेवाड़ी, सचिन देओल, नवीन झा, अनिल कुमार बिस्सर सहित क्षेत्रीय गांवों के गणमान्य लोग उपस्थित रहे ।