हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दौरान दुर्गाष्टमी का उपवास किया जाता है. इस दिन श्रद्धालु दुर्गा माता की पूजा करते हैं और उनके लिए पूरे दिन का व्रत करते हैं. इस दिन श्रद्धालु दुर्गा माता की पूजा करते हैं और उनके लिए पूरे दिन का व्रत करते हैं. मुख्य दुर्गाष्टमी जिसे महाष्टमी कहते हैं, अश्विन माह में नौ दिन के शारदीय नवरात्रि उत्सव के दौरान पड़ती है
शुभ मुहूर्त
पौष, शुक्ल अष्टमी
प्रारम्भ – 13:14, जनवरी 20
समाप्त – 15:50, जनवरी 21
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत विधि
इस दिन सबसे पहले स्नान करके शुद्ध हो जाएं, फिर पूजा के स्थान को गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें. इसके पश्चात लकड़ी के पाट पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित कर लें. फिर माता को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, फिर प्रसाद के रूप में आप फल और मिठाई चढ़ाएं अब धूप और दीपक जलाएं. दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर माता की आरती करें. फिर हाथ जोड़कर देवी से प्रार्थना करें माता आपकी इच्छा जरूर पूरी करेंगी.