समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10 फरवरी।
मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है, मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव और मां पार्वती का पूजन किया जाता है। मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। यह व्रत बहुत आसान है और प्रभावशाली भी, क्योकि ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति पूरी श्रद्धा से भगवन शिव की पूजा तथा व्रत रखता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
मासिक शिवरात्रि हर माह एक बार आती है। इस दिन व्रत रखने से विवाह में आ रहीं सभी बाधाएं दूर होती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने, भगवान शिव का पूजन करने से कर्ज से छुटकारा मिल जाता है।
कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 09 फरवरी की देर रात 02:05 बजे पर होगा। तिथि का समापन 10 फरवरी देर रात 01:08 बजे पर होगा। पूजन के लिए शिवरात्रि के दिन देर रात 12:09 बजे से 01:01 बजे के मध्य शुभ मुहूर्त है।
पूजन विधि –
सुबह जल्दी उठें. ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें। स्नान करने के बाद पीले या सफेद रंग के साफ वस्त्र धारण पहनें। पूजा वाली जगह पर भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय और भगवान शिव के वाहन नंदी की प्रतिमा स्थापित करें और उनकी पूजा करें। मासिक शिवरात्रि की पूजा में शिव परिवार को पंचामृत से स्नान कराया जाता है। पूजा में बेल पत्र, फल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य और इत्र जरूर शामिल करें। इस दिन व्रत करने वालों को शिव पुराण या शिवाष्टक का पाठ अवश्य करना चाहिए। पूजा का समापन शिव आरती के साथ करें।