समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10फरवरी।
भगवान तो हर कण में है, हर जगह है और हर दिन है। लेकिन हिन्दू धर्म में प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी-देवता की पूजा की जाती है, यानि उनके लिए एक विशेष दिन माना गया है। उस दिन, उस देवता या देवी की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है।
आज बुधवार है और आज के दिन माता पार्वती और भगवान शिव छोटे पुत्र श्री गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है। आखिर गणेश जी की पूजा के लिए विशेष दिन के तौर पर बुधवार ही क्यों है। इसके बारे में जानने के लिए हमें गणेश जी की उत्पत्ति के समय की कथा जाननी जरुरी है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती की कृपा से जब श्री गणेश जी की उत्पत्ति हुई थी। तब उस समय भगवान शिव के धाम कैलाश में बुध देव उपस्थित थे। बुध देव की उपस्थिति के कार श्रीगणेश जी की आराधना के लिए वह प्रतिनिधि वार हुए यानी बुधवार के दिन गणेश जी पूजा का विधान बन गया।
बुधवार को सौम्यवार भी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। जैसा कि सभी जानते है हिन्दू धर्म में कोई भी शुभ काम करने के लिए सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। बुधवार के दिन कोई भी काम शुरु करना शुभ होता है। जिन लोगों की कुंडली में बुध कमजोर होता है, उन्हें बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करनी चाहिए।