समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16फरवरी।
आज वसंत पंचमी है। आज के दिन मां सरस्वती की पूजा बड़ें धूमधाम से की जाती है। ये पर्व विद्या की देवी मां सरस्वती के पूजन का है। आज के दिन मां से विद्या का वरदान मांगते है।
हजारों सालों से इस दिन मां सरस्वती का पूजन किया जाता है. इसी दिन मां सरस्वती की उत्पत्ति हुई थी. जानें पौराणिक कथा-
मां सरस्वती उत्पत्ति पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने संसार की रचना की. उन्होंने पेड़-पौधे, जीव-जन्तु और मनुष्य बनाए. लेकिन उन्हें लगा कि रचना में कुछ कमी रह गई. तब ब्रह्मा जी ने कमंडल से जल छिड़का. जिससे चार हाथों वाली एक सुंदर स्त्री प्रकट हुई. उस स्त्री के एक हाथ में वीणा, दूसरे में पुस्तक, तीसरे में माला और चौथा हाथ वर मुद्रा में था. ब्रह्मा जी ने इस सुंदर देवी से वीणा बजाने को कहा. जैसे वीणा बजी, ब्रह्मा जी की बनाई हर चीज में स्वर आ गया. तब ब्रह्मा जी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती नाम दिया. वह दिन वसंत पंचमी का था-
सरस्वती देवी के 3 पौराणिक मंत्र
सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम:।
वेद वेदान्त वेदांग विद्यास्थानेभ्य एव च।।
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।
विद्यारूपे विशालाक्षी विद्यां देहि नमोस्तुते।।
ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः
वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि। मंगलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणी विनायकौ॥