आक्रामक गिरिराज के हमले से  राहुल बचाव मुद्रा में

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kumar rakesh
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*कुमार राकेश 

देश में मत्स्य मंत्रालय के अस्तित्व से जुड़े मसले पर केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी के खिलाफ आक्रामक मुद्रा में हैं.उनके आक्रामक हमले से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी बचाव मुद्रा में दिख रहे हैं .अपने विवादास्पद बयान से राहुल खुद ही अपने ही जाल में उलझ गए लगते हैं.राहुल अब गिरिराज सिंह से छिपते व बचने की कोशिश कर रहे हैं .गौरतलब हैं कि पिछले दिनों राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री से एक नया मत्स्य मंत्रालय गठन की मांग कर डाली थी .जबकि वो मंत्रालय पहले से देश में कार्यरत हैं .

कहते हैं समय –समय का फर्क होता है,सबका समय एक जैसा  नहीं होता .परन्तु कभी कभी समय का चक्र कई कारणों से पुनः उसी मोड़ पर आ जाता है.2021 में जो हुआ है.कुछ ऐसा ही 1998 में हुआ था.राजनीति की दुनिया में 1998 में पहली बार इटालियन भाषा में पत्र लिखा गया था.पत्र लिखा था भाजपा सांसद सुरेंद्र्जीत सिंह अहलुवालिया ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को.उसके बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दिया था.श्री अहलुवालिया उस वक़्त कांग्रेस में थे,आज 23 वर्षो से  भाजपा में हैं.

उस घटना  के आज करीब 23 वर्ष हो गए. श्री अहलुवालिया की तरह  केन्द्रीय मंत्री  गिरिराज सिंह भी उसी फॉर्म में दिख रहे  हैं.एक अरसे के बाद देश की राजनीति में एक बार फिर इटालियन भाषा का प्रयोग हुआ हैं .गिरिराज  सिंह ने राहुल गाँधी से इटालियन भाषा में सवाल पूछा.उनसे मत्स्य मंत्रालय के अस्तित्व को लेकर सफाई मांगी.क्या ये हमारे भारत की त्रासदी नहीं है,जब देश की एक बड़ी पार्टी के नेता ऐसी अज्ञानता के शिकार है . भाषा की बात करे तो एक बड़ा सवाल हैं कि कांग्रेस इटालियन भाषाः ही तेजी से क्यों समझती हैं?

देश की प्राचीन पार्टी कांग्रेस के 51 वर्षीय  चिर युवा राहुल गाँधी पिछले कई वर्षो से अपने कई विवादस्पद बयानों व करतबों से चर्चा में बने रहते हैं..कभी हंसी तो कभी ठिठोली के .कभी हास्य तो कभी व्यंग्य के .कभी ख़ुशी भरे हंसगुल्ले तो कभी ठहाको के रसगुल्ले की वजह से .कभी आलू से सोना बनाते है तो कभी किसानो का बजट एक ही दिन में दुगुना बता देते हैं.

कहते हैं राहुल गाँधी की ऐसी हास्यास्पद  हरकतों की वजह से भारतीय फिल्म जगत के कई हास्य कलाकारों के रोजी-रोटी पर बन आई हैं .कांग्रेस व राहुल दोनों उहापोह की स्थिति में दिख रहे हैं .कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओ ने निजी बातचीत में बताया कि वे अक्सर भ्रमित हो जाते हैं  कि राहुल गाँधी के हास्यापद राजनीतिक बयानों को लेकर भाजपा व अन्य दलों का सामना कैसे किया जाये.ये भी एक बड़ा सवाल है कि राहुल गाँधी बार बार  फजीहत से क्यों गुजरते हैं? क्यों होता है ऐसा उनके साथ ही ?उसके पीछे कौन हैं?

इसी परिपेक्ष्य में राहुल गाँधी का एक नया बयान 17 फ़रवरी को मत्स्य मंत्रालय को लेकर था.राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से मछुआरे के लिए एक अलग मत्स्य मंत्रालय की मांग कर दी .यही पर वे फंस गए.केंद्र सरकार में पशु पालन,डेयरी और मत्स्य मंत्रालय के मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल की अज्ञानता पर धावा बोल दिया .

श्री  सिंह ने कहा अब कहीं राहुल एक और प्रधानमंत्री की मांग न कर दे. गिरिराज सिंह ने राहुल के आरोपों का सीधा खंडन किया.इससे राहुल की सिट्टी पिट्टी गम हो गयी.काटो तो खून नहीं .हालांकि राहुल ऐसे झूठ बोलने के अभ्यस्त हो चुके हैं .फिर भी इस बार तो उनेक पास जवाब नहीं था.मरता क्या नहीं करता.एक भी प्रवक्ता अपने प्रिय नेता के बचाव के लिए तैयार नहीं था.

उस घटना के दो दिनों के बाद विवादास्पद नौकरशाह से राजनेता बने सांसद पन्ना लाल पूनिया राहुल  के बचाव में आगे आये.वो भी एक लचर बयान के साथ .श्री पूनिया ने कहा कि राहुल गाँधी को सब कुछ पता है .लेकिन उन्होंने मछली पालन को लेकर एक अलग मंत्रालय बनाने की मांग की थी.उनके कहने का वो मतलब नहीं था .जो मीडिया में उछाला गया.ये गलत है .परन्तु यदि राहुल सच्चे  हैं,उनका कथन सच्चा है ,पार्टी सच्ची है तो  तो देश को श्री पूनिया ही बता दे कांग्रेस ने आजतक मछली संबंधित मसलो पर एक अलग मंत्रालय क्यों नहीं बनाया था? विरोध के लिए हर वक़्त विरोध उचित नहीं .

लगता है श्री पुनिया को ये नहीं पता था राहुल गाँधी ने 2 फ़रवरी 2021 को लोक सभा में मत्स्य मंत्रालय से जुड़ा एक सवाल किया था.               मतलब 2 फ़रवरी को देश में एक मत्स्य मंत्रालय था.तो महज़ 15 दिनों में राहुल की नज़र में वो देश से गायब हो गया ?? क्या ये एक सक्षम नेतृत्व के लक्षण हैं? क्या इसे एक  जिम्मेदार नेता का बयान कहा जा सकता है?हर बार झूठ पर झूठ?आखिर क्यों?

केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह राहुल की इस मासूमियत पर कहते हैं- लगता है राहुल गाँधी का दिल हर वक़्त अपनी नानी के साथ इटली में रहता है.वो अपनी नानी से बहुत प्यार करते हैं .इसलिए भारत के बारे में बाते करते वक़्त भारत की राजनीति,शासन शैली ,विभाग आदि से जुडी बाते अक्सर भूल  जाते हैं.राहुल गाँधी को इटली की नागरिकता ले लेनी चाहिए .वैसे गिरिराज सिंह ने स्पष्ट किया कि इटली में मत्स्य मंत्रालय –कृषि व वन मंत्रालय के तहत आता है .गिरिराज सिंह ने राहुल गाँधी के सम्मान के मद्देनजर, उनकी माता और नानी के प्रिय भाषा इटालियन में भी जवाब दिया.

सबको पता है प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने 2019 में दूसरी बार लोक सभा चुनाव विजय के बाद पशुपालन,डेयरी के साथ मत्स्य को लेकर एक विशेष मंत्रालय का गठन किया था.करीब 20050 करोड़ के बजट के साथ इस मंत्रालय का गठन किया गया था .गौरतलब है कि मत्स्य पालन और उससे जुड़े मत्स्य पालको व किसानो के समग्र  कल्याण के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इसे विशेष तरजीह दिया व अलग मंत्रालय बनाया.परन्तु  देश की सबसे बड़ी विपक्षी दल के नेता राहुल को अब तक कुछ भी नहीं मालूम था .ईश्वर से  प्रार्थना है वह राहुल गाँधी को ज्ञान दे.सजगता दे ,एक जिम्मेदार नागरिक बनाये.

कहते हैं भाजपा के पास मोदी है तो सब मुमकिन है.वो मुमकिन शक्तिशाली भाव में दिख रहा हैं,जबकि कांग्रेस के पास राहुल गाँधी है,जो अक्सर मूक व अज्ञान भाव में दिखते रहते  हैं .कहते हैं -जहाँ अज्ञान हैं ,वही अन्धकार हैं.इसलिए कांग्रेस कमजोर है और हो रही है.ऐसा लगता है कांग्रेस पर देश के प्रसिद्ध स्वामी करपात्री महाराज और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी जैसो का दुःख,अपमान व घृणा से पूर्ण वो  शाप है,जिसका असर आज कांग्रेस पार्टी पर चौतरफा दिख रहा है .सबको पता है सीताराम केसरी को सोनिया गाँधी और उनके चाटुकारों ने कई बार ,कई तरीको से अपमानित किया था .जबकि इंदिरा गाँधी काल में  सैकड़ो निरीह साधुओ पर  दिन दहाड़े .गोली चलवा दी गयी थी.शायद इसे ही समय का क्रूर चक्र  भी कहते हैं .

 

*कुमार राकेश

 

 

 

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