हाई कोर्ट पहुंचा काशी विद्यापीठ छात्र संघ चुनाव मामला, कुलपति पर लगा जातिसूचक टिप्पणी का आरोप

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समग्र समाचार सेवा
वाराणसी, 22फरवरी।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ छात्र संघ चुनाव को लेकर के सरगर्मियां बहुत तेज हो गई हैं. जहां एक और सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के छात्र संगठन अपनी पूरी ताकत झोंके हुए हैं. वही अब एक छात्र नेता ने कुलपति पर जाति आधारित सोच की वजह से उसका नामांकन रद्द करने का गंभीर आरोप लगाया है.

दरअसल महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्र संघ चुनाव को लेकर के सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है, जहां समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बड़े नेता अपने पैनल के नेताओं के लिए प्रचार प्रसार में जुट गए हैं. वही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की तरफ से भी मंत्री नीलकंठ तिवारी खुले तौर पर समर्थन में हैं.

इसी क्रम में प्रतिष्ठा का विषय बनी छात्र संघ चुनाव में उपाध्यक्ष पद के एक प्रत्याशी अमन सोनकर का नामांकन रद्द कर दिया गया. नामांकन रद्द करने की वजह बताई गई कि छात्र द्वारा कार्यों पर विभागाध्यक्ष के साइन नहीं हैं, लेकिन बीते रविवार को उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी अमन सोनकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके गंभीर आरोपों की झड़ी लगा दी. जिसके बाद से परिसर में हड़कंप मच गया.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में नमन छात्र नेता के सहयोगी राहुल राज ने बताया कि लिंगदोह कमेटी के हिसाब से प्रवेश पत्र समेत सभी दस्तावेज चुनाव अधिकारी के समक्ष दिए गए थे, लेकिन विभागाध्यक्ष के सिग्नेचर और प्रवेश पत्र का हवाला देकर के नामांकन रद्द कर दिया गया. जबकि प्रत्याशी की तरफ से सभी दस्तावेज दिए गए हैं. अब इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई है, जहां नामांकन रद्द कराने को चुनौती दी गई है. मंगलवार को हाई कोर्ट में इसकी सुनवाई है.

कुलपति पर लगे आरोप
नामांकन रद्द हुए प्रत्याशी अमन सोनकर ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे को लेकर कुलपति के आवास पर धरना दिया. जिसके बाद कुलपति ने उन्हें अपने आवास पर बुलाकर जातिवादी टिप्पणी की और स्पष्ट शब्दों में कहा कि तुम दलित समुदाय से हो इसलिए चुनाव नहीं लड़ सकते. इस बात की शिकायत वह सिगरा थाने में की गई, लेकिन वहां भी उसकी सुनवाई नहीं हुई.

 

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