अजय रमोला
समग्र समाचार सेवा
देहरादून,24फरवरी।
स्वदेशी और अहिंसा का प्रतीक खादी अब फैशन की दुनिया में अपनी पैठ बनाती जा रही है। आधुनिक परिप्रेक्ष्य में पिछड़ती खादी को नई पहचान दिलाने के लिए उत्तराखंड खादी बोर्ड ने डिजाईनिंग को हथियार बनाया है। वस्त्रों में जान फूंकने के लिए डिजाइनों में किए गए बदलाव का नतीजा है कि फैशनपरस्त युवा भी खादी की ओर आकर्षित होने लगे हैं। यही कारण है कि विभाग ने इस साल एक करोड़ की बिक्री कर नया रेकार्ड कायम किया है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देशवासियों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए खादी को माध्यम बनाने का आह्वान किया था। हालांकि आजादी के बाद खादी उद्योग गांधी जी के सपनों के अनुरूप खड़ा नहीं हो सका। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि होने के बावजूद अभी तक खादी के कपड़ों की एक खास वर्ग तक ही मांग थी। ब्रांडेड कंपनियों के सामने खादी की चमक हल्की होने के कारण खादी बोर्ड ने वस्त्रों को फैशनेबल बनाने के लिए एक साल पूर्व डिजाईनिंग की योजना पर काम शुरू किया। इसमें डिजाइनर की मदद से खादी के कपड़ों में बदलाव कर इसमें नए-नए डिजाइन लाए गए। इस प्रयोग के सफल होने से खादी में अब कई रंगों से रंगे फैशनेबल डिजाइन के वस्त्र आने लगे हैं। इसका परिणाम है कि धीरे-धीरे फैशनपरस्त युवा भी खादी वस्त्रों की ओर आकर्षित होने लगे है।
खादी बोर्ड की ओर से सूती और वूलन कपड़े बनाए जा रहे हैं। इसमें कोट-पैंट, शर्ट, शाॅल, मफलचर, चद्दर, बैड शीट, तौलिया, कुर्ता-पायजामा सहित कपड़े तैयार किए जा रहे हैं। विभाग के पिछले बिक्री के रेकार्ड पर गौर करंें तो वर्ष 2015-16 में 56.24, 2016-17 में 22.40 लाख, 2017-18 में 60.57 लाख, 2018-19 में 52.58 लाख तो 2019-20 में 58.48 लाख की बिक्री हुई तो वहीं 20-21 में अभी तक 1 करोड़ 25 लाख की बिक्री हो चुकी है।
कैदी बना रहे योग मैट और कालीन
जिन हाथों ने संगीन जुर्म किए देहरादून की जेल में बंद वह हाथ योग साधकों के लिए योग चटाई बना रहे हैं। खादी बोर्ड चंबा की ओर से प्रशिक्षण के बाद जेल में बंद 15 कैदियों योग चटाई और कालीन बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। विभाग के अनुसार अब कैदियों के बनाए गए उत्पाद बाजार में हाथों हाथ बिक रहे हैं।
एसएस बौनाल, क्षेत्रीय अधीक्षक, खादी एवं ग्रामोदयोग बोर्ड चंबा (टिहरी का कहना है
“कपड़े के डिजाइनों में किए गए बदलाव से लोगों के बीच डिमांड बढ़ रही है। युवा वर्ग और सामाजिक वर्ग के बीच खादी को लोकप्रिय बनाने के लिए डिजाइनिंग पर फोकस किया जा रहा है। साथ ही कपड़ों के कलेक्शन में वैरायटी देने की कोशिश की जा रही है। ताकि लोगों को हर रेंज में मन मुताबिक चीजें मिल सकें”।