विपक्ष के नए नेता श्री खड़गे के व्यापक अनुभव से सदन को लाभ होगा- राज्यसभा सभापति श्री वेंकैया नायडू

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9मार्च।

राज्य सभा सभापति श्री वेंकैया नायडू का कहना है कि विपक्ष के नए नेता श्री खरगे के व्यापक अनुभव से सदन को लाभ होगा
राज्य सभा की 8 समितियां इस वर्ष मंत्रालयों की मांगों की जांच पर 12% अधिक समय देगी।
बजट समीक्षा में राज्य सभा के सदस्यों की भागीदारी में काफी सुधार हुआ है।
श्री नायडु ने सांसदों से गुणवत्तापूर्ण वाद-विवाद के लिए संसद ग्रंथालय का प्रभावी उपयोग करने का आग्रह किया।
​राज्य सभा में विपक्ष के नए नेता बनने पर श्री मल्लिकार्जुन खरगे की तारीफ करते हुए, राज्य सभा के सभापति श्री वेंकैया नायडू ने विश्वास व्यक्त किया कि श्री खडगें के व्यापक और विविधतापूर्ण अनुभव से सदन को काफी लाभ होगा। श्री नायडू ने आज बजट सत्र के दूसरे भाग के पहले दिन सदन में अपनी समुक्तियों के दौरान यह बात कही।
​सभापति श्री नायडू ने संसद के वर्तमान बजट सत्र के पहले भाग के पश्चात 3 सप्ताह के अवकाश के दौरान राज्य सभा की 8 विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समितियों द्वारा किए गए विभिन्न मंत्रालयों की 2021-22 के लिए अनुदान मांगों की जांच का भी लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। उन्होंने राज्य सभा की समितियों द्वारा बजट की जांच के दौरान उभरे कुछ सकारात्मक पहलुओं और साथ ही कुछ चिंताओं का भी उल्लेख किया।
​श्री नायडु ने सभा को बताया कि राज्य सभा की 8 समितियों ने पिछले साल की तुलना में 18 मंत्रालयों की अनुदान मांगों की जांच पर इस वर्ष 12% अधिक समय व्यतीत किया है। इन समितियों ने इस वर्ष कुल 70 घंटे 27 मिनट की अवधि तक 21 बैठकें की हैं, जबकि पिछले वर्ष 63 घंटे की अवधि तक 20 बैठकें हुई थीं।
​इस वर्ष समितियों द्वारा बजट जांच में राज्य सभा के सदस्यों की पर्याप्त रूप से बेहतर भागीदारी का उल्लेख करते हुए, श्री नायडु ने कहा कि राज्य सभा के सदस्यों की उपस्थिति इस वर्ष पिछले वर्ष के 52.57% से बढ़कर 58.24% हो गई। साथ ही, संबंधित समितियों की सभी बैठकों में पिछले वर्ष के 36% की तुलना में राज्य सभा के 50% सदस्यों ने भाग लिया।
​लोक सभा सदस्यों के संबंध में, समग्र उपस्थिति पिछले वर्ष के 46.37% से घटकर 31.86% हो गई है और समितियों की सभी बैठकों में भाग लेने वाले सदस्यों की संख्या पिछले वर्ष के 35% से कम हो कर 26.21% हो गई है।
​राज्य सभा की 8 विभाग-संबंधित संसदीय स्थाई समितियों में राज्य सभा के 78 और लोकसभा के 164 सदस्यों सहित कुल 242 सांसद हैं।
​सभापति श्री नायडू द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, राज्य सभा की 8 समितियों द्वारा इस वर्ष आयोजित 21 बैठकों की औसत अवधि 2 घंटे 36 मिनट रही। श्री नायडू ने, जो इन समितियों के अध्यक्षों और सदस्यों से समय-समय पर इस तरह की बैठकें आयोजित करने में लगने वाले समय, ऊर्जा और लागत को देखते हुए बैठकों की लंबी अवधि सुनिश्चित करने का आग्रह करते रहे हैं, सदन को सूचित किया कि 8 समितियों में से 4 ने एक दिन में 5 घंटे 25 मिनट से लेकर 6 घंटे 25 मिनट की अवधि तक बैठकें की।
​कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्याय संबंधी समिति ने इस वर्ष सबसे अधिक 51.19% उपस्थिति दर्ज की है, जबकि वाणिज्य संबंधि समिति ने पिछले वर्ष की केवल 32% उपस्थिति की तुलना में 40% के उच्चतम सुधार की सूचना दी है।
​इस वर्ष 21 बैठकों में से प्रत्येक में आवश्यक गणपूर्ति थी जबकि पिछले वर्ष आयोजित 20 बैठकों में से 3 में गणपूर्ति नहीं थी।
​तथापि, श्री नायडू ने अनुदान मांगों की जांच के लिए आयोजित बैठकों में गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेस दलों के सदस्यों की कम उपस्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि ऐसे अन्य दलों और समूहों की उपस्थिति पिछले साल के 40% से घटकर 27.60% हो गई है जिसके परिणामस्वरूप, 21 बैठकों में इस वर्ष समग्र उपस्थिति पिछले वर्ष के 48% से घटकर 42% रह गई।
​राज्य सभा में विपक्ष के नए नेता के बारे में श्री नायडु ने कहा कि व्यापक विधायी और प्रशासनिक अनुभव रखने वाले श्री खरगे हमारे देश के लंबे समय तक कार्य करने वाले नेताओं में से एक हैं, जो बिना किसी अंतराल के कर्नाटक विधानसभा के रिकॉर्ड 9 बार सदस्य रहे हैं और दो बार लोकसभा के सदस्य भी रहे हैं। श्री खरगे लोक सभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता होने के अलावा दो बार राज्य विधान सभा में विपक्ष के नेता भी रहे थे।
​श्री नायडु ने आगे कहा: “सभा की प्रक्रिया संबंधी नियमों और प्रथाओं के अनुसार सभा के सुचारू संचालन में विपक्ष के नेता की प्रमुख भूमिका होती है। मुझे पूरा विश्वास है कि खरगे जी के समृद्ध और विविधतापूर्ण अनुभव से इस महती सभा को काफी लाभ होगा, जिन्होंने सभापीठ के दायें और बायें, दोनों तरफ से विधायिका के कामकाज को देखा है।”
​यह कहते हुए कि सभा में वाद-विवाद में पूर्व तैयारी के साथ किए गए गुणवत्तापूर्ण योगदान से सभा की कार्यवाही समृद्ध होती है, सभापति श्री वेंकैया नायडु ने सांसदों से संसद ग्रंथालय का, जिसमें कई भाषाओं में सैकड़ों पत्रिकाओं के अलावा लगभग 14 लाख पुस्तकों का समृद्ध संग्रह है, प्रभावी उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सभा में उठाए गए मुद्दों की गहराई और विश्लेषणात्मक समझ की आवश्यकता है, जिसके लिए 100 साल पुराना संसद ग्रंथालय सबसे अच्छा स्रोत है।

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