यूज्ड कुकिंग ऑयल से बायोफ्यूल बनाने की प्रक्रिया तेज, आईआईपी, एफएसएसएआई और एसडीसी फाउंडेशन मिलकर कर रहे काम
समग्र समाचार सेवा
देहरादून, 12मार्च।
इस्तेमालशुदा खाद्य तेल से बायो फ्यूल बनाने का काम राज्य में तेज करने करने की कवायद शुरू कर दी गई है। रुको मिशन पर उत्तराखंड सीएसआईआर-आईआईपी, खाद्य एवं औषधि विभाग और एसडीसी फाउंडेशन मिलकर काम कर रहे हैं। इस तरह के प्रयास देहरादून में 2019 में शुरू कर दिये गये थे, लेकिन कोविड लाॉकडाउन के कारण इनमें कमी आ गई थी।
बुधवार को सीएसआईआर-आईआईपी, खाद्य एवं औषधि विभाग और एसडीसी फाउंडेशन की ओर से बुलाई गई एक संयुक्त प्रेस वार्ता में आईआईपी के डायरेक्टर अंजन रे ने कहा कि आईआईपी पूरे देश के 60 हजार गांवों यूज्ड कुकिंग ऑयल से बायो फ्यूल बनाने के छोटे-छोटे प्लांट लगाना चाहती है। उन्होंने कहा कि यदि हम आबादी के 10 प्रतिशत लोगों को भी इस योजना से जोड़ने में सफल हुए तो देश में किये जा रहे तेल के आयात में 5 से 7 प्रतिशत की कमी आ सकती है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल देश के अलग-अगल शहरों में कुछ प्लांट लगाये गये हैं। देहरादून में आईआईपी परिसर में लगाये गये प्लांट की क्षमता 200 लीटर प्रति दिन की है। एक लीटर यूज्ड कुकिंग ऑयल से 800 मिली लीटर तक बायो फ्यूल बनाया जा सकता है।
आईआईपी के नीरज आत्रेय ने कहा कि उनका इरादा शहरी आवासीय क्षेत्रों और चारधाम यात्रा मार्ग को भी इस योजना से जोड़ने का है।
देहरादून के जिला अभिहित अधिकारी और रुको के नोडल अधिकारी गणेश कंडवाल ने खाद्य तेल का बार-बार इस्तेमाल किये जाने से होने वाली परेशानियों के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि इस योजना से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए एजुकेशन, इनफोर्समेंट और एन्वायर्नमेंट जैसे तरीके अपनाने पर विचार किया जा रहा है। प्रयास किया जा रहा है कि ऐसा तेल फूड सप्लाई चेन से बाहर किया जाए और ऐसी व्यवस्था की जाए कि दुबारा ये तेज फूड चेन में शामिल न हो।
हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र के वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनोज सेमवाल ने कहा कि कुंभ मेले में निकलने वाले यूज्ड कुकिंग ऑयल के एकत्रित करने की योजना बनाई जा रही है।
एसडीसी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने कहा कि उनकी संस्था देहरादून शहर के 25 से ज्यादा संस्थानों से यूज्ड कुकिंग ऑयल को एकत्रित करके आईआईपी के प्लांट तक पहुंचाने के जिम्मेदारी निभा रही है। अब तक करीब 6 हजार लीटर यूज्ड प्लांट में पहुंच चुका है।
प्रेस वार्ता के दौरान इस अभियान से जुड़े कुछ व्यवसायियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस दौरान आईआईपी में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह, जयति त्रिवेदी, सीनियर शोधकर्ता अमन भोंसले, एसडीसी फाउंडेशन के प्यारे लाल और प्रवीन उप्रेती भी मौजूद थे।