उत्तराखण्ड के पारम्परिक भोजन को पहचान व बाज़ार दिलाने के लिये गढ़ भोज वर्ष 2021 का शुभारम्भ

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समग्र समाचार सेवा
देहरादून, 13 मार्च।

उत्तराखण्ड के पारम्परिक भोजन को पहचान व बाज़ार दिलाने के लिये हिमालय पर्यावरण जड़ी बुटी एग्रो संस्थान जाड़ी द्वारा वर्ष 2021 को गढ़ भोज के रूप मे मनाया जा रहा है, जिसका शुभारंभ आज विधनसभा पूर्व अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल जी, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री डा0 धन सिंह रावत , पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार ने राजपुर रोड़ स्थित बालिका इंटर कालेज मे अयोजित कार्यक्रम मे किया।

Mahabhoj Year 2021 Campaign, To recognize and market the traditional food of Uttarakhand, the Himalayan eco-studded Agro Institute Jadi is celebrating the year 2021 as a Garh Bhoj, which was launched today by former President of Vidhan Sabha Shri Premchand Agrawal, former Higher Education Minister Dr. Dhan Singh Rawat. , Director General of Police Shri Ashok Kumar, organized the program organized at the Girls Inter College at Rajpur Road.

प्रथम सत्र में पधारे राज्य के शिक्षा मंत्री माननीय डा0 धन सिंह रावत जी ने कहा की जाड़ी संस्थान द्वारा शुरू की गई मुहिम राज्य में स्वरोजगार का नया आयाम स्थापित करेगी साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराएगी। स्थानीय समुदाय और लोग इसकी खेती को प्रोत्साहित करेंगे उन्होंने इस प्रयास को सराहनीय प्रयास बताया और कहा कि हमारे सहकारिता या अन्य लाइन डिपार्टमेंट के माध्यम से जो भी सहयोग अभियान को चलाने के लिए चाहिए होगा। वह हम अपने स्तर पर प्रदान करेंगे तदोपरांत राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि राज्य में गढ़ भोज स्थानीय संसाधनों खाद्य श्रृंखला है। उस को प्रोत्साहित करने के लिए पुलिस विभाग ने अभियान के साथ वर्ष 2020 में पूर्व में ही पुलिस विभाग की कैंटीन में शामिल किया था और अब पुरे राज्य की कैन्टीनो यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा।

Mahabhoj Year 2021 Campaign, To recognize and market the traditional food of Uttarakhand, the Himalayan eco-studded Agro Institute Jadi is celebrating the year 2021 as a Garh Bhoj, which was launched today by former President of Vidhan Sabha Shri Premchand Agrawal, former Higher Education Minister Dr. Dhan Singh Rawat. , Director General of Police Shri Ashok Kumar, organized the program organized at the Girls Inter College at Rajpur Road.

उन्होंने संस्था और देहरादून के साथ जो अन्य सहयोगी संगठन हैं, जो इस अभियान में जुड़े हैं उनको साधुवाद दिया  कार्यक्रम के बीच बीच में गर्ल्स इंटर कॉलेज की बालिकाओं ने अतिथियों के स्वागत में वंदना की और गीत गाए और छात्राओं ने पहाड़ की संस्कृति और पर्यावरण आधारित गीत भी सुनाए द्वितीय सत्र में वक्ताओं ने व्यक्त किए उन्होंने बालिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्थानीय भोजन हमारे लिए सबसे पोषक भोजन है ।

गढ़भोज वर्ष 2021 अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर माननीय विधनसभा अध्यक्ष जी द्वारा उद्बोधन से पूर्व दाल के पकोड़े बना कर अभियान का शुभारंभ किया। अध्यक्ष जी ने कहा की हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान द्वारा आयोजित गढ़ भोजवर्ष-2021 कार्यक्रम की मैं आप सभी लोगों को शुभकामनाएँ देता हूँ।

•उत्तराखंड की पारंपरिक फसलों के आधार पर तैयार किये गए भोजन को बाज़ार उपलब्ध हो एवं दैनिक जीवन के व्यवहार में हम इस भोजन को ला सकें इन उद्देश्यों को लेकर संस्थान द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित करना सराहनीय प्रयास है।

•मेरा मानना है कि जितनी पौष्टिकता हमारे पारंपरिक भोजन में है इतनी पौष्टिकता पाश्चात्य संस्कृति के जंक फ़ूड में नहीं है. देहरादून में संपन्न हुए देश भर के पीठासीन अधिकारियों के सम्मलेन में हमने उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन को परोसा जिसकी देश भर के विधानसभा अध्यक्षों ने भूरी भूरी प्रशंसा की।

•इतना ही नहीं इस सम्मलेन में हमने उत्तराखंड के पारंपरिक वेशभूषा एवं लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गए. यहीं से शुरू होता है अपने स्थानीय उत्पादकों एवं लोक संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास।

•माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वोकल फॉर लोकल का मंत्र इसीलिए दिया है ताकि हम अपने आसपास मौजूद संसाधनों का समाज के हित में उचित व्यावहारिक प्रयोगों को अपनाते हुए अपनी संस्कृति, आर्थिकी, सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा दे सकें।

•उत्तराखंड राज्य का निर्माण “कोदा – झंगोरा खायेंगे, उत्तराखंड राज्य बनायेंगे ” इसी सूत्र वाक्य के साथ हुआ था. इस विचार ने न केवल एक राज्य के विचार को जन्म दिया बल्कि आज उस राज्य की अवाधारानाएं स्थानीय उत्पादकों को प्रयोग में लाने के लिए आवश्यक हो जाती है। उन्होने कहा की जैसे वर्ष 2020 कोरोना के नाम से जाना जायेगा वैसे बर्ष 2021 “गढ़ भोज वर्ष के नाम से जाना जायेगा।

मेरी कोशिश होगी की मिड डे मिल व सभी सरकारी गैर-सरकारी कैटिनो मे सप्ताह के एक दिन आवश्यक रूप से गढ़ भोज परोसा जायेगा। कार्यक्रम की सफलता के लिए मैं आपको पुनः शुभकामनाएँ देता हूँ।

गढ़ भोज अभियान के सूत्रधार द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा की गढ़ भोज वर्ष 2021 के अवसर पर पुरे वर्ष भर जनजागरण के कार्यक्रम आयोजित किये जायेगे।
कार्यक्रम के शुरुआत मे स्कूल की प्रधानाचार्य श्रीमती प्रेमलता बोड़ई जी व द्वारिका प्रसाद सेमवाल द्वारा सभी अथितियो को शाल व गढ़ भोज किट देकर स्वागत किया गया। कार्यकम मे कार्यंकर्म के सहयोगी जे0 पी0मैठाणी आगाज फेडरेसन, कुसुम घिन्डियाल सिडस, विकास पन्त, दिव्यन्सू, अभिषेक, मधावेंद्र रावत,प्रेम पंचोली, पवन नौटियाल,प्रेमलता बोडाई, टीका राम पंवार, देव सिंह पंवार सुबोधनी जोशी, विजय लक्ष्मी, हिमानी धवन , मीनाक्षी रावत, आशा पन्त,सुमन, देवेन्दर , अनिता नेगी, अलका विज्लवाण, नीलम थपलियाल आदि मौजूद रहे।

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