समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6अप्रैल।
राष्ट्रपति कोविंद ने जस्टिस एनवी रमना को देश का अगला प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया है। जस्टिस एनवी रमना CJI जस्टिस शरद अरविंद बोबडे का स्थान लेंगे। बता दें कि जस्टिस बोबडे इसी महीने 23 तारीख को रिटायर हो रहे हैं। जस्टिस रमना 24 अप्रैल को पद संभालेंगे।
बता दें कि CJI बोबडे ने भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के लिए न्यायमूर्ति नथालपति वेंकट रमन के नाम की सिफारिश की थी। सीजेआई बोबडे के बाद न्यायमूर्ति एन वी रमन शीर्ष न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं। जस्टिस रमण का सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के तौर पर कार्यकाल 26 अगस्त 2022 तक है।
केंद्र सरकार ने बीते दिनों कुछ दिन पहले नए सीजेआई की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की थी और प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे से अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने को कहा है। बीते 19 मार्च को कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने 23 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने जा रहे न्यायमूर्ति बोबडे को शुक्रवार को एक पत्र भेज कर नए प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के नाम की सिफारिश करने को कहा था।
आपको बता दें कि 45 साल से ज्यादा के न्यायिक अनुभव रखने वाले और संवैधानिक मामलों के जानकार एनवी रमना का कार्यकाल 26 अगस्त 2022 तक का होगा।
आंध्र प्रदेश के रहने वाले एन.वी रमना वर्ष 2000 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में स्थायी जज के तौर पर चुने गए थे। फरवरी, 2014 में सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्ति से पहले वह दिल्ली हाई कोर्ट में थे। 63 वर्षीय नुथालपति वेंकेट रमना ने 10 फरवरी, 1983 से अपने न्यायिक करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने आंध्र प्रदेश से वकील के तौर पर शुरुआत की थी।
इसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट, आंध्र प्रदेश एडमिनिस्ट्रेटिव ट्राइब्यूनल के अलावा सुप्रीम कोर्ट में भी वकालत की थी। उन्होंने संवैधानिक, आपराधिक और इंटर-स्टेट नदी जल बंटवारे के कानूनों का खास जानकार माना जाता है। करीब 45 साल का लंबा अनुभव रखने वाले एनवी रमना सुप्रीम कोर्ट के कई अहम फैसले सुनाने वाली संवैधानिक बेंच का हिस्सा रहे हैं।