चैत्र नवरात्री: नवरात्रि के छठें दिन मां कात्यायनी की ऐसे करें पूजा

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17अप्रैल।
चैत्र नवरात्री के कल छठा दिन है। कात्यायनी नवदुर्गा या हिंदू देवी पार्वती (शक्ति) के नौ रूपों में छठवीं रूप हैं। शास्त्रों के अनुसार देवी ने कात्यायन ऋषि के घर उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया, इस कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ गया।

माँ कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत चमकीला है। इनकी चार भुजाएँ हैं। माताजी का दाहिनी तरफ का ऊपरवाला हाथ अभयमुद्रा में तथा नीचे वाला वरमुद्रा में है। बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। इनका वाहन सिंह है

मां कात्यायनी के मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता.

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां कात्यायनी की प्रार्थना

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना.

कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥

मां कात्‍यायनी की पूजा विधि
पहले गंगाजल से छिड़काव कर शुद्धिकरण करें। नवरात्रि के छठे दिन अच्छे से स्नान करके लाल या पीले रंग का वस्त्र पहने। इसके बाद घर के पूजा स्थान पर देवी कात्यायनी की प्रतिमा स्थापित करें। अब मां की प्रतिमा के आगे दिया रखें और हाथों में फूल लेकर मां को प्रणाम करके उनके ध्यान करें,
इसके बाद उन्‍हें पीले फूल, कच्‍ची हल्‍दी की गांठ और शहद अर्पित करें. धूप-दीपक से मां की आरती करें उसके बाद प्रसाद वितरित करें।

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