*कुमार राकेश
भाजपा और मोदी सरकार जहाँ कोरोना से लड़ाई के लिए हर प्रकार के बचाव उपक्रम में जुटे हुए हैं वही कांग्रेस और उनके राहुल गाँधी और अन्य नेता सिर्फ सरकार को कोसने में लगे हुए हैं.भाजपा व मोदी सरकार सेवा भाव में तो कांग्रेस निंदा भाव में दिख रही हैं .पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह श्री मोदी को पत्र लिखकर अनायास सुझाव दे रहे हैं वही कांग्रेस नेता राहुल गाँधी मोदी सरकार को नाकारा बता नहीं थक रहे हैं.हालाँकि मनमोहन सिंह और राहुल गाँधी स्वयं कोरोना से ग्रसित हो गए हैं.ईश्वर उन दोनों नेताओ को जल्द स्वस्थ करे.ऐसी हमारी मंगलकामनाये हैं .
भारत में कोरोना की दूसरी लहर से सभी आहत हैं .घबराये हुए हैं,परेशान हैं.ऐसा लग रहा हैं कि कोरोना का दूसरा लहर पिछला सारा रिकार्ड तोड़ देगा.एक दिन में देश में करीब ढाई लाख केस.लेकिन ज्यादा घबराने की जरुरत नहीं है,लेकिन स्वयं अनुशासन के साथ कोरोना दिशा निर्देशों का पालन बहुत जरुरी है.पिछले 15 दिनों में देश में एक भय व आतंक माहौल से पूरा देश दहशत में दिखाई दे रहा था.शायद इसीलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने 20 अप्रैल को देश को सम्बोधित कर देशवासियों को हिम्मत दी.ढांढस बढाया.उत्साहवर्धन किया.युवा को हीरो बताया तो बाल मित्र को सबका संकटमोचक.राज्यों को सख्ती से कोरोना बचाव निर्देशों पर अमल करने को जरुरत बताया.
प्रधानमन्त्री ने 20 अप्रैल को सभी कोरोना बचाव में लगे सभी चिकित्सको,सेवादारो की जमकर तारीफ़ की.लेकिन किसी से भी घबराहट से बचने की अपील की.श्री मोदी ने कहा कि आज की स्थिति में हमें डरने की जरुरत नहीं हैं.पिछले साल हमारे पास कोरोना से लड़ने के वो स्वास्थ्य सुविधाए नहीं थी ,लेकिन आज हैं.हम आज कई मामलो में बेहतर स्थिति में हैं.पहले हमारे पास पीपीई किट नहीं था.टेस्टिंग लैब नहीं थे.वैक्सीन नहीं थे.आज हमारे पास दो दो वैक्सीन हैं,पीपीई किट का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर रहे हैं.कई टेस्टिंग लैब्स हैं .और वैक्सीन के लिए तो हमने बड़ा बाज़ार खोल दिया है.जरुरतवाली दवाइयों का उत्पादन भी बढ़ा है और उसमे तेजी लायी जा रही हैं .
उल्लेखनीय हैं कि प्रधानमंत्री ने 19 अप्रैल को देश के सभी बड़े दवा उत्पादकों के साथ आवश्यक बैठक की थी ,शायद तभी उन्होंने आश्वस्त मुद्रा में कहा कि एक मई के बाद 18 वर्ष के ऊपर सभी को वैक्सीन लगाये जायेगे.इसका मतलब ये हुआ कि अगले दो सप्ताहों में दश में कोरोना नियत्रंण की स्थिति बेहतर हो सकती हैं .
युवा और बाल मित्र की चर्चा कर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के छोटो से बडो तक को एक सूत्र में पिरो दिया.जिससे घर से बाहर तक एक सुदृढ़ सुरक्षा चक्र तैयार हो जाये.उन्होंने युवाओ से अपील किया कि वे स्थानीय स्तर पर कोरोना अनुशासन समितियां बनाकर खुद की रक्षा के साथ समाज को पूर्ण सुरक्षित करने में सहयोग करे.साथ ही छोटे छोटे बच्चो को बाल मित्र से विभूषित करते हुए उनको भी राष्ट्र सुरक्षा चक्र से जोड़ने का एक अदभुत कार्य प्रधानमंत्री मोदी ने किया.जो सिर्फ वही कर सकते हैं.
देश में वैक्सीन और ऑक्सीजन संकट के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी प्रकार के उपाय कर लिए गए हैं.सरकार की पूरी कोशिश है कि सभी की जान बचाए जाये.उन्होंने जन भागीदारी को एक अस्त्र बताया तो प्रचार माध्यमो को सेवादार.श्री मोदी ने कहा कि देश में किसी भी प्रकार के भ्रम व अफवाह को फैलने से रोकना भी सेवा कार्य हैं.
प्रधानमंत्री ने श्रमिको से भी अपील की वे जहाँ हैं वही रहे.लेकिन उन प्रवासी श्रमिको को राजनेताओ पर कोई भरोसा नहीं दिख रहा.दिल्ली से पिछले दिनों हजारो प्रवासी श्रमिको ने पलायन किया.शायद उनको मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर भरोसा नहीं था.महाराष्ट्र का भी कमोबेस वही हाल हैं .देश में सबसे बुरी हालत महाराष्ट्र की हैं .
कोरोना से बचाव व नियंत्रण के लिए राज्यों की भूमिका को भी प्रधानमंत्री मोदी ने अति महवपूर्ण बताया.उन्होंने राज्यों से अपील की ये सभी की कोशिश होनी चाहिए कि लॉकडाउन से बचे.क्योकि लॉकडाउन कोरोना से बचाव का एक मात्र रास्ता नहीं हैं.उससे बचते हुए कोरोना से भी बचना हैं.
प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार-लॉकडाउन इसके लिए अंतिम विकल्प होना चाहिए,हालंकि दिल्ली,झारखण्ड,उत्तर प्रदेश,महाराष्ट्र में कई प्रकार के लॉक डाउन किये गए हैं .
भाजपा और मोदी सरकार कोरोंना को लेकर देश को बचाने की मुद्रा में हैं वही कांग्रेस मोदी सरकार पर प्रहार मुद्रा में हैं .मंगलवार(20 अप्रैल) को रात्रि 8.45 बजे प्रधानमंत्री के राष्ट्र संबोधन के ठीक 5 मिनट पहले कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गाँधी ने श्री मोदी पर प्रहारात्मक ट्वीट कर कहा –कोरोंना पर नाकामी के लिए भारत सरकार को शुक्रिया.ऑक्सीजन पर राहुल ने कहा कि देश ऑक्सीजन की कमी से लड़ रहा हैं.
परन्तु विपक्ष के सबसे बड़ी पार्टी के नेता राहुल गाँधी को शर्म भी नहीं आती कि इस संकट के माहौल में प्रधानमंत्री पर प्रहार कम देश सेवा भाव से ऑक्सीजन और अन्य सुविधाओ के लिए कुछ प्रयास करते तो ज्यादा अच्छा होता.
राहुल को तो अपनी पार्टी के ही राज्य सभा सांसद व वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा से सीख लेनी चाहिए.श्री तन्खा ने संकट के इस विषम दौर में अपने गृह क्षेत्र जबलपुर में स्वयं के प्रयासों से समुचित मात्रा में ऑक्सीजन और एनी सुविधाओ की पूर्ति करवा कर एक नया मिसाल कायम किया.न कि उनकी तरह प्रदेश की भाजपा सरकार को कोसा .
वैसे तो मध्य प्रदेश में राहुल शैली में ही देश के सबसे धनी राजनेता कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भी शिवराज सरकार के खिलाफ ओछी राजनीति करने की कोशिश की.ये बेहतर होता कि राज्य की जनता के लिए कुछ भलाई का कार्य का देते. बताया जाता हैं कि देश के सबसे धनी कहे जाने वाले कमल नाथ की अमीरी की सबसे बड़ी वजह उनकी राजनीति है,जो उनके व्यापार वृद्धि के लिए एक बेहतर अस्त्र के तौर पर उपयोगी रहा हैं .इसलिए उनका नैतिक फ़र्ज़ बनता है कि देश,समाज की भलाई के लिए कुछ अंशदान व भागीदारी करते.न कि ओछी राजनीति व दोषारोपण.
इसी क्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी,दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल,महाराष्ट्र के मुख्यमत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमन्त्री को पत्र लिखकर राज्य में सीमित स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए उन्हें ही जिम्मेदार बताया हैं.जबकि सबको पता है कि संवैधानिक व नीतिगत तौर पर स्वास्थ्य राज्यों का विषय है न कि केंद्र का.लेकिन ओछी राजनीति उन सबों का नैतिक अधिकार है.ऐसा इन नेताओ के उपक्रमों से लगता हैं.
*कुमार राकेश