समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23अप्रैल। 2020 से देश में फैली कोरोना महामारी से कोई भी अछुता नही है। एक के बाद एक लोग कोरोना के शिकार हो रहे है। क्या अमीर क्या गरीब कोरोना ने किसी को भी नहीं छोड़ा..हालात ये है कि पिछले कई दिनों से प्रतिदिन 3 लाख से ज्यादा लोग कोरोना के शिकार हो रहे। कोरोना से बचाव के लिए लोग तरह तरह के उपाय भी कर रहे है लेकिन इसके लिए सबसे पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर यह हमारे शरीर में घुसता कैसे है और कैसे हमारें शरीर को खोखला करता है।
आधिकारिक तौर पर पैन्डेमिक कोरोना वायरस का नाम सार्स सीओवी-2 है (Sars-CoV-2), इन्क्यूबेशन पीरियड संक्रमण और लक्षण दिखने के बीच का वक़्त होता है। ये वो वक़्त होता है जब वायरस इंसान के शरीर में जम जाता है। शरीर के भीतर जाने के बाद ये वायरस इंसान के लिए सांस लेने में तकलीफ़ पैदा कर सकता है। इसका पहला हमला आपके गले के आसपास की कोशिकाओं पर होता है।
इसके बाद सांस की नली और फेफड़ों पर कब्जा करता है। यहां ये एक तरह की “कोरोना वायरस फैक्ट्रियां” बनाता है मतलब अपना विकास यही पर करता है।
नए कोरोना वायरस बाक़ी कोशिकाओं पर हमले में लग जाते हैं। शुरुआती दौर में ये काफी लोंगों में अपने लक्षण नही दिखाते है हालांकि कुछ लोगों में संक्रमण के शुरुआती वक़्त से ही लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड भी लोगों में अलग-अलग हो सकता है। औसतन ये पाँच दिन का होता है।