एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पिछले एक साल में कोविड-19 की वजह से मारे गए पत्रकारों की मौत पर व्यक्त किया शोक

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2मई। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पिछले एक साल में कोविड-19 की वजह से मारे गए पत्रकारों की मौतों पर शोक जताया । अप्रैल 2021 में ही इस वायरस की वजह से 52 से ज्यादा पत्रकारों की मौत हो गई थी । इसके अलावा, दिल्ली स्थित धारणा अध्ययन संस्थान के अनुसार, लॉकडाउन पहली बार 1 अप्रैल, 2020 से घोषित किए जाने के बाद से 100 से अधिक पत्रकारों की मृत्यु हो चुकी है। इनमें से कई बहादुर पत्रकार थे जो बिगड़ती महामारी पर रिपोर्टिंग कर रहे थे और हमारे सामने मानवीय त्रासदी पर कहानियां सामने ला रहे थे । इसमें संपादकीय टीमों के संपादक और अन्य सदस्य भी शामिल हैं जिन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि न्यूज़रूम बिना किसी ब्रेक के इन कहानियों पर मंथन करते रहें । गिल्ड इन पत्रकारों को पिछले एक साल में प्रदर्शित सहनशक्ति से कार्य किया है को श्रद्धांजलि देता है.
गिल्ड बेहद व्यथित है कि केंद्र सरकार ने पिछले कुछ महीनों में पत्रकारों के टीकाकरण में तेजी लाने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। उनमें से कई फ्रीलांसर थे और इसलिए बीमा नहीं किया गया । मीडिया संगठनों के लिए काम करने वाले अन्य लोगों को अपनी कंपनियों द्वारा बीमित किए जाने के आश्वासन नहीं मिला।
कुछ राज्य सरकारों और एजेंसियों के अतिरिक्त दबाव के कारण महामारी की स्वतंत्र रिपोर्टिंग करने वाली मीडिया रिपोर्टिंग को नियंत्रित करने के प्रयास स्वतंत्र रिपोर्टिंग के खिलाफ है ।
कुछ हफ्ते पहले ईजीआई ने मांग की थी कि पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया जाए और उन्हें नए वैरिएंट से बचाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जाए । विभिन्न राज्य सरकारों और मीडिया संगठनों के समर्थन के बावजूद केंद्र सरकार ने इस अनुरोध पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अब भले ही 18 साल से अधिक उम्र के सभी के लिए तकनीकी रूप से टीकाकरण खोला गया हो, लेकिन टीकों की भारी कमी है ।
इसलिए गिल्ड की तत्काल मांग है कि पत्रकारों को अन्य फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के साथ प्राथमिकता दी जाए । गिल्ड सभी मीडिया संगठनों से भी आग्रह करता है कि वे अपने पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं ।

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