कोरोना काल में चारों धाम के पुजारी विश्व मंगल कामना और कोरोना संकट से मुक्ति के लिए करेंगे विशेष पूजा-अर्चना
समग्र समाचार सेवा
देहरादून, 16 मई। कोरोना महामारी के कारण हिमालय स्थित चार धाम में इस साल श्रद्धालुओं को जाने की इजाजत नहीं है। ऐसे में जाहिर सी बात है कि यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ धाम में रावल और तीर्थ पुरोहित ही होंगे। इस संकट काल में चारों धाम के पुजारी विश्व मंगल कामना और कोरोना संकट से मुक्ति के लिए विशेष पूजा-अर्चना करेंगे।
हिमालय स्थित चार धाम यात्रा उत्तरकाशी के यमुनोत्री से शुरू होकर, गंगोत्री धाम से केदारनाथ होते हुए बदरीनाथ धाम में पहुंचकर विराम लेती है। चार धाम यात्रा भारत में सबसे लोकप्रिय आध्यात्मिक यात्राओं में से एक है। चार धाम के प्रति आस्था और विश्वास होने के कारण हर साल लाखों लोग दूर-दूर से देवभूमि में अपने आराध्य के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। यही कारण चार धाम के कपाट खुलने का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। लेकिन इस साल कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार की ओर से चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं को जाने की इजाजत नहीं है। ऐसे में जाहिर सी बात है कि धामों में केवल तीर्थ पुरोहित ही अकेले पूजा-आराधना करेंगे। खास बात यह है कि कोरोना के इस संकट के दौर में चार धाम के पुजारी पूरे विश्व को कोरोना से मुक्ति दिलाने के लिए विशेष पूजा-आराधना करेंगे। बताते चलें कि 14 मई को यमुनोत्री और 15 मई को गंगोत्री जी के कपाट खोल दिए गए हैं। यमुनोत्री धाम के सचिव कृतेश्वर उनियाल और गंगोत्री धाम के सचिव पं. दीपक सेमवाल का कहना है कि धाम के कपाट खुलने के दिन से ही रोजाना विश्व मंगल कामना और कोरोना से रोकथाम के लिए पूजा-प्रार्थना की जा रही है। वहीं 17 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने जा रहे हैं। केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी वागिश लिंग के अनुसार कपाट खुलते ही विश्व मंगल कामना के लिए रोजाना महाभिषेक किया जाएगा। वहीं 18 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी और धर्माधिकारी पं भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि भगवान नारायण से जगत के कल्याण के लिए आराधना की जाएगी।