देश में वैक्सीनेशन के बाद शुरू हुई ब्लड क्लॉटिंग की समस्या, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17मई। वैश्विक महामारी कोरोना से निजात पाने के लिए जारी टीकाकरण के बाद अब एक नई समस्या शुरू हो चुकी है। कुछ इलाकों से वैक्सीनेशन के बाद ब्लड क्लॉटिंग और ब्लीडिंग की बातें भी सामने आई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि वैक्सीनेशन के बाद वैसे केस बेहद मामूली सामने आए हैं, जिनमें खून का थक्का जमने की शिकायत दर्ज की गई है या टीकाकरण के बाद स्थिति काफी गंभीर रूप में बिगड़ी है।

देश में वैक्सीनेशन की शुरुआत से अब तक 23,000 से ज्यादा एडवर्स इवेंट के मामले दर्ज हुए हैं। ये मामले देश के 684 जिलों से हैं।. जिनमें से 700 मामले सीरियस और सीवियर हैं। वहीं, 498 सीरियस और सीवियर मामलों की जांच जब AEFI कमेटी ने की तो उसमें 26 मामले ब्लड क्लॉटिंग के मिले. ये मामले 0.61% केस प्रति मिलियन हैं। बता दें कि ब्लड क्लॉटिंग के सभी मामले कोविशील्ड टीका देने के बाद के हैं। कोवैक्सीन को लेकर AEFI कमेटी को एक भी ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत नहीं मिली है। इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज विस्तृत गाइडलाइंस जारी की है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्यकर्मी और कोविशील्ड लेने वाले लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी एडवाइजरी के मुताबिक, टीका लेने के 20 दिन तक AEFI की शिकायत आ सकती है. ऐसी शिकायत आने पर जहां से टीका लिया है वहां सम्पर्क किया जा सकता है। ब्लड क्लॉटिंग के अलावा कई दूसरी समस्याएं भी हो सकती है, जिनमें सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, पेट में दर्द, कमजोरी, देखने मे दिक्कत जैसी समस्याएं शामिल हैं।

इसके अलवा पैनल ने यह भी जानकारी दी है कि भारत बायोटेक की COVAXIN के इस्तेमाल से खून के थक्के जमने या रक्त बहने जैसी कोई घटना अब तक सामने नहीं आई है।

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