समग्र समाचार सेवा
पटना, 21 मई। बिहार के वैशाली जिले के महुआ अनुमंडल अंतर्गत राजापाकर के बाकरपुर पंचायत से खबर सामने आ रही है जहां सरकारी अस्पताल में लाता लगा हुआ है वो भी कोरोना महामारी के संकटकाल में
इस अस्पताल में न तो कोई डॉक्टर है ना स्वास्थ्य कर्मी..हाल यह है कि मरीजों का इलाज पीपल के पेड़ के नीचे झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा किया जा रहा है। डॉक्टरों स्वास्थ्यकर्मी के नदारद होने के कारण ग्रामीणों को मजबूरन झोलाछाप डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ रहा है, वह भी पीपल के पेड़ के नीचे मरीजों का इलाज किया जा रहा है तो झोलाछाप डॉक्टर मौके से भाग खड़े हुए।
अस्पताल में तालाबंदी की वजह से बीमार मरीजों को पीपल के पेड़ का सहारा है. लोगों का यह भी कहना है कि पीपल ऑक्सीजन का एक अच्छा स्रोत माना जाता है. इस कारण अस्पताल के समीप पीपल के पेड़ के नीचे मरीजों का इलाज करवाया जा रहा है और लोगों को उम्मीद है कि सरकार भले ही संवेदनहीनता पर उतर आई हो लेकिन यह पीपल का पेड़ जो ऑक्सीजन का स्रोत है उन्हें बचाएगा और इस तरह यहां सब कुछ भगवान भरोसे दिख रहा है. कोरोना महामारी के दौर में लोगों को लग रहा है कि अब भगवान ही भरोसा है. यहां के लोग सरकारी उम्मीद को छोड़ चुके हैं. ग्रामीणों का यहां तक दावा है कि बीते 1 महीने में सरकारी अनदेखी के कारण तकरीबन 40 से अधिक लोगों की मौतें हो चुकी है लेकिन अभी भी प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है.