गणेश जोशी ने सभी चिकित्सालयों के प्रबन्धकों के साथ की बैठक, ब्लैक फंगस से निपटने के लिए निपटने के लिए तैयारियों का लिया जायजा

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समग्र समाचार सेवा
देहरादून, 22 मई। माननीय प्रभारी मंत्री कोविड-19 जनपद देहरादून गणेश जोशी द्वारा जनपद के महत्वपूर्ण व बडे़ प्राईवेट चिकित्सालयों के प्रबन्धकों के साथ वर्चुअल बैठक स्थापित करते हुए कोविड-19 महामारी और ब्लैक फंगस से निपटने के लिए किए जा रहे कार्यों और भविष्य में आने वाली संभावित चुनौतियों से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों के बारे में जानकारी लेते हुए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए।
दून चिकित्सालय, महन्त इन्द्रेश, मैक्स, सुभारती, कैलाश, सिनर्जी इत्यादि अस्पतालों के वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा उनके अस्पतालों में कोरोना तथा ब्लैक फंगस से निपटने के लिए की गई उपचार की व्यवस्था तथा भविष्य में यदि दोंनो महामारियां बढती हैं तो उससे निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों, शासन-प्रशासन से उनको अपेक्षित सहयोग तथा ब्लैक फंगस की प्रकृति और इससे सम्बन्धित प्राथमिक बचाव के सुरक्षात्म उपायों को साझा किया गया।
माननीय मंत्री ने सभी अस्पतालों को सामान्य निर्देश दिए कि प्रत्येक अस्पताल अपने सभी मेडिकल स्टाफ को ब्लैक फंगस के इलाज, मरीज को उपचार देने के तौर-तरीके और बरती जाने वाली सावधानियों को साझा करें। साथ ही सभी अस्पताल बेहतर ईलाज और उसके बेहतर परिणाम को भी एक दूसरे से साझा करें। उन्होंने अपर जिलाधिकारी वि/रा गिरीश चन्द्र गुणवंत को इस सम्बन्ध में निर्देशित किया कि वे प्रमुख चिकित्सकों से विचार-विमर्श करते हुए सभी चिकित्सालयों के लिए एक संयुक्त गाईडलाईन जारी करें। उन्होंने सभी अस्पतालों को निर्देशित किया कि ब्लैक फंगस के बढते संक्रमण की रोकथाम हेतु ईलाज की और अधिक क्षमता बढाएं, साथ ही यदि कोरोना की तीसरी लहर आती है, जिसमंे बच्चों को अधिक प्रभावित करने की संभावना जताई जा रही है, उसको देखते हुए अस्पतालों में बच्चों के ईलाज के अनुकूल व्यवस्थाएं सम्पादित करें, ताकि आपातकाल में कोई परेशानी ना हो। उन्होंने जिला प्रशासन को भी निर्देशित किया कि ब्लैक फंगस के मरीजों को उन अस्पतालों में भर्ती कराएं जहां पर एण्डोस्कोपी की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही सभी अस्पतालों को भी ब्लैक फंगस के मरीजों के ईलाज के लिए पृथक से इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
माननीय मंत्री ने जिला प्रशासन को यह भी निर्देश दिए कि कोरोना और ब्लैक फंगस महामारी से निपटने के लिए प्राईवेट अस्पतालों को अपनी क्षमता बढाने के लिए उपकरण अथवा अन्य प्रकार की यदि आवश्यकता हो तो उसमें हर संभव सहयोग प्रदान करें।
इस दौरान वरिष्ठ चिकित्सकों ने ब्लैक फंगस से प्राथमिक सुरक्षात्मक उपायों को अपने अद्यतन अनुभवों को साझा करते कहा कि ब्लैक फंगस सामान्यतः फफूंद का ही एक प्रकार है तथा यह अशुद्ध आक्सीजन लेने, एन्टीबाॅयोटिक अथवा स्टेराइयड का अत्यधिक तथा गलत तरीके से सेवन करने, अशुद्ध मास्क पहनने, सड़े-गले, फल सब्जी खाने, विभिन्न तरह के ड्रग्स, नशा लेने वालों को हो सकता है। चिकित्सकों ने कहा कि एहतियात के तौर पर शुद्ध आक्सीजन लें, अपने आसपास साफ-सफाई रखें, दांत साफ रखें, नमक व फिटकरी का कूला करें। ठण्डी व जंक फूड ना लें। सड़े-गले फल, सब्जी ना खाएं। सब्जियों को आजकल कच्चा ना खाएं। साथ ही सबसे महत्वपूर्ण है कि दही का अधिक सेवन करें। उन्होंने अवगत कराया कि चूंकि बहुत सी एन्टीबायोटिक तथा वायरल दवाएं खाने से हमारे शरीर में अच्छे बैक्टिरिया भी मर जाते हैं, जिससे हमारे शहरी पर इसका प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है। इसलिए दही खाने से अच्छे बैक्टिरिया की मात्रा शरीर में बढती है।
इस दौरान वर्चुअल बैठक में मान्य कैबिनेट मंत्री के साथ अपर जिलाधिकारी वि/रा गिरीश चन्द्र गुणवंत, जिला सर्विलांस अधिकारी कोविड-19 डाॅ राजीव दीक्षित, डाॅ आदित्य तथा महन्त इन्द्रेश, मैक्स, सभारती, सिनर्जी, कैलाश अस्पताल आदि के चिकित्सक जुड़े हुए थे।

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