एम्स के निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया ने दी जानकारी, कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की संभावना कम

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,24मई। देश में कोरोना और टीकाकरण की स्थिति को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित किया जिसमें एम्स के निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में बच्चों में संक्रमण बहुत कम देखा गया है इसलिए अब तक ऐसा नहीं लगता है कि आगे जाकर कोविड की तीसरी लहर में बच्चों में इसका शिकार ज्यादा होंगे। उन्होंने आगे कहा कि कम इम्यूनिटी वाले लोग म्यूकोर्मिकोसिस, कैंडिडा और एस्पोरोजेनस संक्रमण से संक्रमित होते हैं। ये फंगस मुख्य रूप से साइनस, नाक, आंखों के आसपास की हड्डी में पाए जाते हैं और मस्तिष्क में प्रवेश कर सकते हैं। कभी कभी फेफड़ों में (पलमोनरी ब्लैक फंगस) या जठरांत्र संबंधी मार्ग में पाया जाता है। उन्होंने कहा कि कुछ लक्षण हैं जो कोविड के बाद देखे जाते हैं। यदि लक्षण 4-12 सप्ताह तक देखे जाते हैं, तो इसे चल रहे सिंपोमैटिक कोविड या पोस्ट एक्यूट कोविड सिंड्रोम कहा जाता है। यदि लक्षण 12 सप्ताह से अधिक समय तक दिखाई देते हैं, तो इसे पोस्ट कोविड सिंड्रोम कहा जाता है

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 24 घंटे में देश में कोविड के 2,22,000 मामले सामने आए हैं। 40 दिन के बाद यह अब तक के सबसे कम मामले हैं।

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