डायबिटीज को काबू न कर पाने का कारण, कही आपकी ये गलतिया तो है

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समग्र समाचार सेवा
दिल्ली, 25 मई। खराब डाइट के अलावा, मानसिक तनाव, और रोजमर्रा की भी कई चीजें हैं जो डायबिटीज को प्रभावित कर सकती हैं और आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा या घटा सकती हैं।

मधुमेह यानी डायबिटीज एक घातक बीमारी है जो हर साल लाखों लोगों को प्रभावित कर रही है। डायबिटीज को मैनेज करने के लिए मेडिकल उपायों के साथ-साथ हेल्दी लाइफस्टाइल और बैलेंस डाइट का सेवन भी बेहद कारगर साबित हो सकता है। वैसे तो डायबिटीज को कंट्रोल करने के कई तरीके हैं, लेकिन कई लोगों को इनके बारे में जानकारी नहीं होती। रोजमर्रा खराब डाइट के अलावा और भी कई चीजें हैं जो डायबिटीज को प्रभावित कर सकती हैं और आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा या घटा सकती हैं। मरीजों को हमेशा शुगर लेवल को मापने के साथ ही अच्छे डायट चार्ट का पालन करना भी अवश्यक होता है।

हालांकि, निरंतर प्रयासों के बावजूद, वे असंतोषजनक परिणाम प्राप्त नहीं कर पाते हैं । आपके डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने की कई कोशिशों के बावजूद अगर अच्छे नतीजे नहीं मिल रहे हैं तो इसके पीछे कुछ कारण हो सकते हैं। इन कारकों की अनदेखी करने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल गड़बड़ हो जाता है।

मधुमेह मोटे तौर पर दो प्रकार के होते हैं, टाइप-1 मधुमेह और टाइप-2 मधुमेह। इस बीमारी में ब्लड शुगर लेवल में बैलेंस खत्म हो जाता है। डायबिटीज डाइट के रखरखाव से भी इस बीमारी से छुटकारा मिल सकता है। मधुमेह रोगियों के लिए निर्धारित दवाओं को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। ऐसा करने से दवाएं बेकार हो सकती हैं। इसके अलावा, यह साइड इफेक्ट भी पैदा कर सकती है जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका शेड्यूल कितना व्यस्त है, हमेशा व्यायाम के लिए समय निकलाने की कोशिश करनी चाहिए। शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं होने से रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं जैसे उच्च रक्तचाप, हाइपोटेंशन, हृदय रोग और मोटापा हो सकता है।

तनाव एक कारण है जिसके परिणामस्वरूप रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है। खानपान, जीवन शैली तनाव और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के माध्यम से भी इसे कंट्रोल किया जा सकता है। चलने, संगीत सुनने, योग, ध्यान और सोने जैसी गतिविधियों में शामिल होने से तनाव को दूर करने और रक्त शर्करा के स्तर में सुधार करने में मदद मिल सकती है।

कभी किसी भी डॉक्टर के साथ नियुक्ति न छोड़ यानी नियमित अपने चिकित्सक से मिलते रहे। मधुमेह जैसे पुराने रोगों से पीडि़त रोगियों को नियमित चेकअप से गुजरना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका इलाज उनके स्वास्थ्य और बीमारी के साथ अप-टू-डेट है ।

मधुमेह रोगियों को हमेशा अपने रक्त शर्करा के स्तर पर नजर रखनी चाहिए। यह किसी भी अभूतपूर्व उतार चढ़ाव की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है । ट्रैक नहीं रखने से अच्छे परिणाम नहीं मिलते।

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