बच्चों के लिए जरूरी नहीं मास्क, बच्चों में कोरोना संक्रमण से बचाव व इलाज के लिए DGHS ने जारी की गाइडलाइंस

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10जून। वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर से अभी निजात मिली नही कि तीसरी लहर की भी चेतवानी दे दी गई। ऐसा कहा जा रहा है कि तीसरी लहर में बच्चों के कोरोना संक्रमित होने की संभावना ज्यादा है जिसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने गुरुवार को गाइडलाइंस जारी की है जिसमें मास्क पहनने के लिए उम्र निर्धारित की है। इसमें कहा गया है कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों को मास्क अनिवार्य नहीं है इसके अलवा 6 से 11 वर्ष के बच्चों को मास्क पहनना आवश्यक है लेकिन पैरेंट्स व डॉक्टर की निगरानी में। जैसा कि सभी जानते ही है कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए जारी प्रोटोकॉल में मास्क पहनना, शारीरिक दूरी, बार-बार हाथ धोने की सलाह दी गई है।

18 साल से कम उम्र के बच्चों व किशोरों में कोरोना संक्रमण को लेकर इलाज व बचाव के लिए DGHS ने गाइडलाइन दिया है। इसके अनुसार संक्रमित बच्चों के इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और संक्रमण की जांच के लिए सीटी स्कैन का भी तर्कसंगत तरीके से उपयोग किया जाए। इसके अलावा बच्चों के कोरोना संक्रमण के उपचार के लिए स्टेरॉयड को भी नुकसानदेह बताया गया है। DGHS ने स्टेरॉयड की पर्याप्त खुराक का सही समय पर, सही मात्रा में और पर्याप्त खुराक का ही उपयोग किया जाए।
DGHS ने स्पष्ट कहा है कि 3 साल से 18 साल के आयुवर्ग में इससे सही होने के पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में बच्चों में रेमडेसिविर का इस्तेमाल न किया जाए। इसके अलावा सीटी स्कैन के तर्कसंगत उपयोग की सलाह देते हुए DGHS ने कहा है कि सीने के स्कैन से उपचार में बेहद कम मदद मिलती है। ऐसे में चिकित्सकों को चुनिंदा मामलों में ही कोविड-19 मरीजों में एचआरसीटी कराने का निर्णय लेना चाहिए।

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