समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 18जून। एसटीएफ ने बुधवार को तीन शातिर ठगों को दबोचा है। ये ठग लोगों के क्रेडिट कार्ड का डाटा बेचने और उसके जरिये करोड़ों की ठगी करने का काम करता था। दबोचे गये ठगों में एक 20 हजार रुपये का इनामी भी है। पुलिस ने गिरोह के सदस्यों के पास से 7182 क्रेडिट कार्डधारकों का डाटा बरामद किया है।
इसके पहले पुलिस ने गिरोह के 6 सदस्यों को पहले दो बार में दबोचा था। उनके पास से भी भारी मात्रा में क्रेडिट कार्डधारकों के डाटा मिले थे। पकड़े गए आरोपियों केखिलाफ लखनऊ के गाजीपुर, गोमतीनगर सहित प्रदेश के कई थानों में मुकदमे दर्ज हैं।
एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश के मुताबिक, फर्जी कंपनी बनाकर कई बैंकों के क्र्रेडिट कार्डधारकों के डाटा हासिल करने वाले गिरोह के बारे में कई शिकायतें मिली थीं। एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट लि. की तरफ से शिकायती पत्र भी मिला जिस पर जांच शुरू की गई। वहीं इस गिरोह के खिलाफ लखनऊ के गोमतीनगर थाने में मोनिका त्यागी ने मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की जांच एडीजी एसटीएफ के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा की टीम कर रही थी। टीम ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को नोएडा से बुधवार को गिरफ्तार किया।
आरोपियों के पास से एसटीएफ की टीम ने 7182 क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा बरामद किया है। डाटा चोरी के संबंध में आगरा के खैरागढ़ और लखनऊ के गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक, पकड़े गए आरोपियों में नदीम अहमद पर पुलिस ने 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक ,गिरफ्त में आया 20 हजार का इनामी नदीम अहमद काफी शातिर खिलाड़ी है। वह 12वीं पास है। पूछताछ में नदीम ने बताया कि मोनिका के साथ एक ही कंपनी में काम करता था। वहीं पर उससे मुलाकात हुई थी। इसी कंपनी में रहने के दौरान ही उसकी मुलाकात आस मोहम्मद से हुई थी। बाद में उसने नौकरी छोड़ दिया। इसके बाद एसबीआई में टीम लीडर बन गया जहां सुलेमान से मिला। सुलेमान व नदीम नौकरी छोड़कर अपना काम करने लगे। नदीम को माई मनी मंत्रा नामक कंपनी का कांट्रेक्ट मिला जिसके जरिये वह आरएलबी बैंक के क्रेडिट कार्डधारकों का डाटा जुटाने लगा। यहीं पर नदीम की मुलाकात टीम लीडर सिद्घार्थ देवनाथ और पुनीत लाखा से हुई।
एसटीएफ की टीम ने इस गिरोह से जुड़े छह सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार किया था। इसमें एक निजी बैंक की महिला कर्मचारी भी शामिल है। टीम ने इस गिरोह के चार सदस्यों को 26 जनवरी को गिरफ्तार किया था जिसमें गिरोह का सरगना भी शामिल है। इनमें सौरभ भारद्वाज, आस मोहम्मद उर्फ आशू, लखन गुप्ता, शिवम गुप्ता को दबोचा था। उनकेपास से 6.59 लाख रुपये व 6000 क्रेडिट कार्ड डाटा व अन्य दस्तावेज बरामद किया था। इसकेबाद टीम ने 8 फरवरी को दीपक मलिक व सुलेमान को गिरफ्तार किया। उनकेपास से पुलिस ने 7 हजार डाटा बरामद किया था। टीम के मुताबिक, गिरोह का नेटवर्क पूरे देश में फैला है। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। इस गिरोह में कुछ बैंकों के कर्मचारी भी शामिल हैं जिनकी कुंडली खंगाली जा रही है।