समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 24जून। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में हजारों की संख्या में लोगों को फर्जी टीका लगाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। राज्य सरकार ने आज गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को खुद इसकी जानकारी दी। उद्धव ठाकरे सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि मुंबई में अभी तक दो हजार से अधिक लोग फर्जी कोविड-19 वैक्सीनेशन कैंप का शिकार हो चुके हैं। ऐसे में मामलों में अभी तक पांच एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और चार सौ गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
जांचकर्ता आरोपी चिकित्सक का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि उपनगर कांदीवली की एक आवासीय सोसाइटी में फर्जी टीकाकरण शिविर लगा था, उसी मामले में एक चिकित्सक आरोपी है।
ठाकरे ने कहा, ‘‘कम से कम 2,053 लोग इन फर्जी टीकाकरण शिविरों का शिकार बने। इन शिविरों के आयोजन के मामले में चार प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। कुछ आरोपियों की पहचान हो चुकी है, वहीं अनेक अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।’’ पीठ ने राज्य की रिपोर्ट स्वीकार करते हुए कहा कि राज्य सरकार और निगम अधिकारियों को इस बीच पीड़ितों में फर्जी टीकों के दुष्प्रभाव का पता लगाने के लिए उनकी जांच करवाने के लिए कदम उठाने चाहिए। उसने कहा, ‘‘हमारी चिंता इस बात को लेकर है कि टीका लगवाने (फर्जी टीकाकरण शिविरों में) वाले इन लोगों के साथ क्या हो रहा है। उन्हें क्या लगाया गया और फर्जी टीके का क्या असर पड़ा?’’ पीठ ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि राज्य सरकार ने निजी आवासीय सोसाइटियों, कार्यालयों आदि में टीकाकरण शिविर आयोजित करने संबंधी विशेष दिशा-निर्देश तय नहीं किए हैं वह भी तब जबकि अदालत इस बारे में इस महीने की शुरुआत में आदेश दे चुकी है।
अदालत ने बीएमसी और राज्य सरकार से कहा कि वे इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 29 जून को अदालत के सवालों और निर्देशों से संबंधित जवाब के साथ अपने हलफनामे दाखिल करें।