समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 1जुलाई। मशहूर गायक व टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार हत्याकांड मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज अपना फैसला सुना दिया है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में आरोपी रमेश तौरानी को रिहा कर दिया है. वहीं रउफ मर्चेंट की सजा को जारी रखा है. कोर्ट ने कहा कि रमेश तौरानी के खिलाफ इस मामले में कोई सबूत नहीं मिले हैं. इस कारण महाराष्ट्र सरकार की रमेश तौरानी के खिलाफ याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
बता दें कि इस मामले में एक अन्य आरोपी अब्दुल राशिद को कोर्ट ने दोषी ठहराया है। इससे पहले सेशन कोर्ट द्वारा इसे बरी कर दिया गया था. बता दें कि अब्दुल रशीद दाऊद इब्राहिम का गुर्गा है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बता दें कि जब गुलशन कुमार 12 अगस्त 1997 को मंदिर से लौटकर घर जा रहे थे तभी उनपर बदमाशों ने गोलियां बरसा दी थी. इस दौरान गुलशन कुमार की मौत हो गई थी।
नब्बे का दशक में जहां एक ओर गुलशन कुमार ने सिनेमाई संगीत की दुनिया को बदलकर रख दिया था, वहीं दाऊद इब्राहिम और उसके राइट हैंड माने जाने वाले अबू सलेम के इशारे पर उनकी हत्या कर दी गई। 12 अगस्त 1997 को जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर उनके शरीर को 16 गोलियों से छलनी कर दिया गया। बताया जाता है कि अबू सलेम ने गुलशन कुमार से 10 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी। गुलशन कुमार ने फिरौती देने से इनकार किया तो अबू सलेम ने दो शार्प शूटरों को हत्या की सुपारी दे दी।
बता दें कि इस मामलें एक और शख्स का नाम आया था वो थे म्यूजिक कंपोजर नदीम अख्तर सैफी…उन पर आरोप लगे कि वह गुलशन कुमार की हत्या करवाने में शामिल थे। यही नहीं, यह भी कहा गया कि नदीम सैफी ने ही हत्यारों को हायर किया। नदीम सैफी इसके बाद से ही भारत छोड़ ब्रिटेन चले गए। श्रवण राठौर के साथ उनकी जोड़ी भी कुछ साल बाद टूट गई। भारतीय अधिकारी नदीम को भारत वापस लाने में नाकाम रहे। जबकि नदीम लगातार अलग-अलग माध्यमों से अपनी बेगुनाही को लेकर आवाज उठाते रहे।