समग्र समाचार सेवा
देहरादून, 3जुलाई। 3 साल 2000 का नवंबर महीना लंबे संघर्ष के बाद सुखद परिणाम लेकर सामने आया। देश के नक्शे में नए राज्य के रूप में उत्तराखण्ड की स्थापना हुई। लेकिन राजनीतिक लिहाज से देखें तो सूबे की सियासत में अस्थिरता का रोग राज्य स्थापना से ही लग गया। जो खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। महज 20 साल पहले बने इस पहाड़ी राज्य में एक मुख्यमंत्री के सिवाय कोई 5 साल तक कुंर्सी संभाल नहीं सका। वर्तमान कार्यवाहक मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी इस सूची में शामिल हो गए। जिन्होंने शुक्रवार रात्रि को इस्तीफा दे दिया है। हालात ये हैं कि अब तक 12 बार अलग-अलग मुख्यमंत्री शपथ ले चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा हरीश रावत ने तीन बार शपथ ली है।
9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखण्ड भारत के नक्शे पर उभरा। लेकिन प्राकृतिक रूप से खूबसूरत देवभूमि में राजनीतिक स्तर पर उतार-चढ़ाव उत्तराखण्ड की स्थापना से ही दिखता रहा है। अस्तित्व में आने के 20 साल पूरे होने पर यानी 21 वें साल में उत्तराखण्ड दसवें मुख्यमंत्री को देखने जा रहा है। अभी तक नारायण दत्त तिवारी उत्तराखण्ड के अकेले ऐसे मुख्यमंत्री थे जिन्होंने 5 साल का अपना कार्यकाल पूरा किया। जबकि त्रिवेंद्र सिंह रावत करीब 4 साल तक सीएम रहे। तीरथ सिंह रावत राज्य के नौंवे मुख्यमंत्री थे। राज्य के रूप में अस्तित्व में आने के 20 साल से कुछ ज्यादा के इतिहास में उत्तराखण्ड ने अब तक कुल 12 बार मुख्यमंत्री पद के लिए आयोजित शपथ ग्रहण समारोह देखा है। जबकि इस दौरान इस राज्य ने 2 बार राष्ट्रपति शासन का भी सामना किया है। राज्य के पहले मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी करीब 1 साल तक अपने पद पर रहे। यहां से लड़खड़ाने का जो सिलसिला शुरू हुआ वो अब तक जारी है, हालांकि नारायण दत्त तिवारी (2002-2007) के कार्यकाल को छोड़ दिया जाए तो अस्थिरता का दौर यहां पर बना रही रहा। बीजेपी के भुवन चंद्र खंडूडी और कांग्रेस के हरीश रावत ने 3-3 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, इसमें हरीश रावत एक बार सिर्फ एक दिन के भी सीएम रहे थै। साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की बहुमत सरकार के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया था। 4 साल के कार्यकाल के बाद बीजेपी के केंद्रीय संगठन ने उन्हें हटा दिया और पौड़ी से सांसद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया। 10 मार्च को तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 20 साल पहले बने उत्तराखण्ड के इतिहास में तीरथ सिंह रावत सबसे कम 115 दिन ही मुख्यमंत्री रह पाए। 2002 में भगत सिंह कोश्यारी 123 दिन सीएम रहे थे।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री
नित्यानंद स्वामी – 09 नवंबर 2000 से 29 अक्तूबर 2001
भगत सिंह कोश्यारी – 30 अक्तूबर 2001 से 01 मार्च 2002
नारायण दत्त तिवारी – 02 मार्च 2002 से 07 मार्च 2007
भुवन चंद्र खूडूडी – 07 मार्च 2007 से 26 जून 2009
डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक – 27 जून 2009 से 10 सितंबर 2011
भुवन चंद्र खंडूडी – 11 सितंबर 2011 से 13 मार्च 2012
विजय बहुगुणा – 13 मार्च 2012 से 31 जनवरी 2014
हरीश रावत – 01 फरवरी 2014 से 27 मार्च 2016
हरीश रावत – 21 अप्रैल 2016 से 22 अप्रैल 2016
हरीश रावत – 11 मई 2016 से 18 मार्च 2017
त्रिवेंद्र सिंह रावत – 18 मार्च 2017 से –09 मार्च 2021