समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 17जुलाई। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और अभी सीतापुर जेल में बंद आजम खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जल निगम में 1,300 पदों पर भर्तियों के मामले में एसआईटी की ओर से आजम खान समेत आठ के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र का एंटी करप्शन सीबीआई (सेंट्रल) कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मनोज पांडेय ने संज्ञान लिया है।
उत्तर प्रदेश के जल निगम भर्ती घोटाले में सीबीआई कोर्ट ने रामपुर से सपा सांसद आज़म खान को 19 जुलाई को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सीतापुर जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आज़म खान को पेश कराने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म खान के खिलाफ आईपीसी की धारा 201, 204, 420, 467, 478, 471, 120b में संज्ञान लिया। वहीं इस मामले में शेष आरोपियों के खिलाफ कोर्ट ने आईपीसी की धारा 201, 204, 420, 467, 471, 120b और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत संज्ञान लिया है।
घोटाले में शामिल आरोपी गिरीश चंद्र श्रीवास्तव, नीरज मलिक, विश्वजीत सिंह, अजय कुमार यादव, संतोष रस्तोगी, रोमन फर्नांडीज और कुलदीप सिंह नेगी के खिलाफ समन जारी करने का आदेश शुक्रवार को कोर्ट ने दिया।
आरोप पत्र के मुताबिक अभियुक्तों पर मनचाहे अभ्यर्थियों का चयन कराने के लिए एक साजिश के तहत मनचाही संस्था मेसर्स एपटेक लिमिटेड का चयन कराने का आरोप है। साथ ही सभी पदों पर भर्ती में एपटेक व उप्र जलनिगम के मध्य हुए अनंबध के उल्लघंन का भी आरोप है। यह भी आरोप है कि परीक्षा सम्पन्न होने के बाद उत्तर कुंजी ऑनलाइन प्रदर्शित नहीं होने के बावजूद भर्ती प्रक्रिया जारी रखी गई। प्रबंधकीय अधिकारों का हनन करते हुए अनुचति लाभ के लिए नियम विरुद्ध मेसर्स एपटेक से मिलीभगत कर परीक्षा के प्राइमरी डाटा को क्लाउड सर्वर से डिलीट कराकर मूल्यवान साक्ष्य को नष्ट कर दिया गया। चयन प्रक्रिया के दौरान परीक्षा परिणाम के मूल सीबीटी अंक पढ़वाकर अपात्र अभ्यर्थियों का चयन कराया गया।