समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25जुलाई। पंजाब कांग्रेस में जारी लंबी कलह अब खत्म हो गई है। वहीं अब राजस्थान में सियासी हलचल तेज हो गई है। राजस्थान में मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल की सुगबुगाहट के बीच कहा जा रहा है कि अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान ही करेगा। कैबिनेट विस्तार को लेकर आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। बैठक से पहले पायलट गुट के नेताओं ने जमकर नारेबारी की और सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की।
राजस्थान एआईसीसी प्रभारी अजय माकन ने पार्टी की बैठक के बाद कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों पर जो फैसला नेतृत्व करेगा, उसे स्वीकार करेंगे। कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा, ‘हम जल्द ही (राज्य मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध में) अपने फैसले की घोषणा करेंगे। जिला और ब्लॉक स्तर की कांग्रेस टीमों की नियुक्ति पर कांग्रेस विधायकों से सलाह-मशविरा करने के लिए मैं 28 जुलाई और 29 जुलाई को फिर से राजस्थान का दौरा करूंगा।’
माकन ने संवाददाताओं से कहा, ‘पार्टी नेताओं के बीच कोई विरोधाभास नहीं है और सभी ने मंत्रिमंडल विस्तार का अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड दिया है।’ जयपुर पहुंचे माकन और एआईसीसी महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने रविवार सुबह प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचकर मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बैठक की। माकन ने कहा कि यह एक अनौपचारिक बैठक थी जिसमें महंगाई, पेगासस जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
राजस्थान में कांग्रेस अगले सप्ताह गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती है। इसके अलावा राज्य में राजनीतिक नियुक्तियां भी की जाएंगी। इसका मकसद सचिन पायलट व अशोक गहलोत के बीच खींचतान व दोनों गुटों के बीच असंतोष को दूर करना है। बता दें कि राजस्थान में तेज हुई सियासी हलचल के बीच कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और अजय माकन शनिवार को राजस्थान पहुंचे। वेणुगोपाल और माकन ने शनिवार देर रात राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ उनके आवास पर कैबिनेट फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों के मुद्दों पर चर्चा की। अगले कुछ दिनों में कैबिनेट विस्तार होने की संभावना है।
गौरतलब है कि पार्टी आलाकमान का संदेश लेकर शनिवार रात जयपुर पहुंचे पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ लंबी चर्चा की। लगभग ढाई घंटे चली इस बैठक में मत्रिमंडल विस्तार एवं फेरबदल तथा राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर विचार विमर्श किया गया। पार्टी सूत्रों ने कहा कि शनिवार देर रात तक हुई चर्चा के बाद इन नेताओं ने मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ने का फैसला किया।