बिहार: प्रारंभिक शिक्षा के निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह का हुआ ट्रांसफर, भड़के अभ्यर्थी कर रहे वापसी की मांग
समग्र समाचार सेवा
पटना, 28जुलाई। प्रारंभिक शिक्षा के निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह का मंगलवार देर शाम ट्रांसफर कर दिया गया है। वह अब पंचायती राज विभाग में निदेशक का पद संभालेंगे। शिक्षक नियोजन प्रक्रिया के बीच उनके ट्रांसफर से अभ्यर्थी भड़के हुए नजर आ रहे है जिसके बाद मंगलवार देर रात से सोशल मीडिया पर उनकी वापसी की मांग की जा रही है। ट्विटर पर यह मुहिम बिहार में टॉप-10 में ट्रेंड कर रही है। इसको लेकर #we_want_Ranjitkr_IAS_come_back अभियान चल रहा है। इसमें शिक्षा मंत्री विजय चौधरी को भी टैग किया जा रहा है।
छात्र क्यों कर रहे रणजीत कुमार सिंह के वापसी की मांग
अभी बिहार में छठे चरण की शिक्षक नियोजन प्रक्रिया चल रही है। इसमें पहले भी बड़ें पैमानें पर घोटाला किया गया जिसकी जांच में कई फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों के जेल जाने की संभावना है। बता दें कि शिक्षक नियोजन की चल रही नई नियोजन प्रक्रिया में भी रणजीत कुमार सिंह ने फर्जी डिग्रीधारियों के साथ सख्ती बरती है। इसलिए वे कई अफसरों और कर्मचारियों को खटक रहे है।
पहली बार नियोजन पर लाइव नजर रखी जा रही थी। शिक्षक नियोजन में इतनी चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था पहले कभी नहीं चली। नतीजा कई जगहों पर बिना लिस्ट चिपकाए बहाली होने, पैसे लेकर बहाल कर देने, मेरिट लिस्ट में हेराफेरी करने, आरक्षण के नियम की धज्जियां उड़ाने जैसे आरोप पहली की नियुक्तियों पर लगते रहे हैं। इन सब गड़बड़ियों पर इस बार लगाम लगाने की बड़ी कोशिश थी। पूरी प्लानिंग के साथ इस पर नजर रखी जा रही थी।
सोशल मीडिया की शिकायत पर भी संज्ञान लेते थे
अभ्यर्थियों का कहना है कि रणजीत कुमार सिंह की खूबी यह थी कि वह किसी भी अन्य अफसर से ज्यादा एक्टिव होकर शिक्षक नियोजन प्रक्रिया को पूरी कराने में लगे थे। किसी अभ्यर्थी को किसी तरह की परेशानी होती तो वह सोशल मीडिया पर उनसे सीधे शिकायत करता था। फोन पर मैसेज तक अभ्यर्थी करते थे। इस नियुक्ति को लेकर कई बार वे फेसबुक लाइव भी हुए और नियोजन से जुड़ी समस्याओं का समाधान दिया।
बड़ी संख्या में शिक्षक नियोजन से जुड़े अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर उन्हें वापस करने की मांग सरकार से की है।