अमेरिका ने किया दावा, चीन की वुहान वायरॉलजी लैब में बना कोरोना वायरस और फिर हुआ लीक

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समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन, 3 अगस्त। अमेरिका ने विश्व में कोरोना वायरस फैलने के लिए चीन को जिम्मेदार माना है। अमेरिका ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि वायरस चीन की रिसर्च फसिलटी से लीक हुआ था। वुहान के इंस्टिट्यूट ऑफ वायरॉलजी के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस को इस तरह से मॉडिफाई किया था कि वह इंसानों को संक्रमित कर सके।

अमेरिका ने यह भी आरोप लगाया गया है कि इस बदलाव को छिपाने की कोशिश की गई। यह रिपोर्ट रिपब्लिकन पार्टी के रीप्रेंजेटिटव और हाउस फॉरन अफेयर्स कमिटी के सदस्य माइक मैककॉल ने पेश की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वायरस फैलने के पीछे वुहान वायरॉलजी इंस्टिट्यूट का हाथ था जिसमें अमेरिकी एक्सपर्ट्स भी शामिल थे। इसे चीन के साथ अमेरिका की सरकार से भी फंड मिला था।

रिपोर्ट में अपील की गई है कि इस घातक वायरस की उत्पत्ति की जांच की जाए जिसने दुनियाभर में 44 लाख लोगों की जान ले ली है। इसके मुताबिक वायरस के वुहान मार्केट से फैलने की थिअरी को हटा देने का वक्त आ गया है। इसके मुताबिक लैब में 12 सितंबर, 2019 के पहले ही वायरस लीक होने के सबूत हैं।

इसमें कहा गया है कि जुलाई 2019 में एक ‘खतरनाक’ वेस्ट ट्रीटमेंट सिस्टम के जीर्णोद्धार के लिए 11.5 लाख डॉलर का आवेदन किया गया था जबकि यह सिर्फ दो साल पुराना था। इससे पहले वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अमेरिकी इंटेलिजेंस रिपोर्ट के हवाले से दावा किया था कि नवंबर 2019 में लैब के तीन रिसर्चर कोविड-19 के लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। इसके एक महीने बाद चीन ने आधिकारिक तौर पर सांस संबंधी एक नई बीमारी की जानकारी दुनिया को दी थी।

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