अफगान में राष्ट्रपति भवन पर तालिबान का कब्जा, तालिबान ने दी चेतावनी- अफगानिस्तान के लोग 17 अगस्त तक घरों में ही रहें
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16अगस्त। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर तालिबान लड़ाकों का कब्जा हो गया है। अल-जजीरा न्यूज नेटवर्क पर प्रसारित वीडियो फुटेज के मुताबिक, तालिबान लड़ाकों का एक बड़ा समूह राजधानी काबुल में स्थित राष्ट्रपति भवन के भीतर नजर आ रहा है। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर अपने कब्जे की घोषणा राष्ट्रपति भवन से करने और देश को फिर से ‘इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ का नाम देने की उम्मीद है। बीस साल की लंबी लड़ाई के बाद अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से निकलने के कुछ ही दिनों के भीतर लगभग पूरे देश पर फिर से तालिबान का कब्जा हो गया है।
संयुक्त राष्ट्र ने बुलाई आपात बैठक
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) एस्टोनिया और नॉर्वे के अनुरोध पर अफगानिस्तान की स्थिति पर आज आपात बैठक करेगी। परिषद के राजनयिकों ने रविवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस परिषद के सदस्यों को राजधानी काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद के ताजा हालात से अवगत कराएंगे।
अमेरिका अपने कर्मचारियों को बाहर निकाल रहा
रविवार सुबह काबुल पर तालिबान लड़ाकों की दस्तक के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया। वहीं देशवासी और विदेशी भी युद्धग्रस्त देश से निकलने को प्रयासरत हैं, हालांकि काबुल हवाईअड्डे से वाणिज्यिक उड़ानें बंद होने के कारण लोगों की इन कोशिशों को झटका लगा है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के अनुसार, अमेरिका काबुल स्थित अपने दूतावास से शेष कर्मचारियों को व्यवस्थित तरीके से बाहर निकाल रहा है।
काबुल का तालिबान के नियंत्रण में जाना अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध के अंतिम अध्याय का प्रतीक है, जो 11 सितंबर, 2001 को अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के षड्यंत्र वाले आतंकवादी हमलों के बाद शुरू हुआ था। ओसामा को तब तालिबान सरकार द्वारा आश्रय दिया गया था। एक अमेरिकी नेतृत्व वाले आक्रमण ने तालिबान को सत्ता से उखाड़ फेंका। हालांकि इराक युद्ध के चलते अमेरिका का इस युद्ध से ध्यान भंग हो गया।
अमेरिका वर्षों से, युद्ध से बाहर निकलने को प्रयासरत है। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में वॉशिंगटन ने फरवरी 2020 में तालिबान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो विद्रोहियों के खिलाफ प्रत्यक्ष सैन्य कार्रवाई को सीमित करता है। इसने तालिबान को अपनी ताकत जुटाने और प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा करने के लिए तेजी से आगे बढ़ने की अनुमति दी। वहीं राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस महीने के अंत तक अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी सैनिकों की वापसी की अपनी योजना की घोषणा की।
रविवार की शुरुआत तालिबान द्वारा पास के जलालाबाद शहर पर कब्जा करने के साथ हुई, जो राजधानी के अलावा वह आखिरी प्रमुख शहर था जो उनके हाथ में नहीं था। अफगान अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादियों ने मैदान वर्दक, खोस्त, कपिसा और परवान प्रांतों की राजधानियों के साथ-साथ देश की सरकार के कब्जे वाली आखिरी सीमा पर भी कब्जा कर लिया।
बाद में बगराम हवाई ठिकाने पर तैनात सुरक्षा बलों ने तालिबान के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। वहां एक जेल में करीब 5,000 कैदी बंद हैं। बगराम के जिला प्रमुख दरवेश रऊफी ने कहा कि इस आत्मसमर्पण से एक समय का अमेरिकी ठिकाना तालिबान लड़ाकों के हाथों में चला गया। जेल में तालिबान और इस्लामिक स्टेट समूह, दोनों के लड़ाके हैं।
भारत स्थित अफगान दूतावास का ट्विटर अकाउंट हैक
भारत स्थित अफगान दूतावास का ट्विटर अकाउंट हैक हो गया है। इस बात की पुष्टि प्रेस सचिव अब्दुलहक आजाद ने की है। उन्होंने कहा कि मैंने लॉग इन करने की कोशिश की है लेकिन इसे एक्सेस नहीं कर पा रहा हूं।
काबुल से अपने दूतावास को हवाई अड्डे पर स्थानांतरित कर रहा फ्रांस
फ्रांस अपने सभी नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए काबुल स्थित फ्रांसीसी दूतावास को फिलहाल अबू धाबी हवाई अड्डे पर स्थानांतरित कर रहा है। विदेश मंत्री ने एक बयान में कहा कि आने वाले कुछ घंटों में संयुक्त अरब अमीरात में सैनिकों और विमानों की तैनाती की जाएगी।
काबुल में शांति बनी हुई है, हालांकि अभी भी बीच-बीच में गोलीबारी और धमाके की आवाज आ रही है। इस बीच अमेरिका समेत तमाम देश अपने दूतावास से कर्मचारियों को निकाल रहे हैं।
अफगानिस्तान के लोग 17 अगस्त तक घरों में ही रहें: तालिबान
अफगानिस्तान पर कब्जा के बाद तालिबान का आतंक चरम पर है। ताजा जानकारी के अनुसार तालिबान ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि 17 अगस्त को सुबह 8 बजे तक घरों में रहें।