समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23अगस्त। कजली तीज जिसे बडी तीज या सातुडी तीज के नाम से जाना जाता है पूर्वी भारत में भादो कृष्ण तृतीया को मनाया जाने वाला व्रत-त्यौहार है। कजरी तीज के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयू के लिए व्रत रखती है और अविवाहित लड़कियां इस पर्व पर अच्छा वर पाने के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन जौ, चने, चावल और गेंहूं के सत्तू बनाये जाते है और उसमें घी और मेवा मिलाकर कई प्रकार के भोजन बनाते हैं. चंद्रमा की पूजा करने के बाद उपवास तोड़ते हैं. इसके अलावा, कजरी तीज के दिन गायों की पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन घर में झूले लगाते है और महिलाएं इकठ्ठा होकर नाचती है और गाने गाती हैं. कजरी गाने इस उत्सव का एक अभिन्न हिस्सा हैं।
कजरी तीज बुधवार, अगस्त 25, 2021 को
तृतीया तिथि प्रारम्भ – अगस्त 24, 2021 को 04:04 पी एम बजे
तृतीया तिथि समाप्त – अगस्त 25, 2021 को 04:18 पी एम बजे
कजरी तीज का महत्त्व
कड़ी गर्मी के बाद मानसून का स्वागत करने के लिए लोगों द्वारा कजरी तीज मनाई जाती है. कजरी तीज पूरे साल मनाए जाने वाले तीन तीज त्योहारों में से एक है। अखा और हरियाली तीज की तरह भक्त कजरी तीज के लिए विशेष तयारी करते हैं। इस दिन देवी पार्वती की पूजा करना शुभ माना जाता है. जो महिलाएं कजरी तीज पर देवी पार्वती की पूजा करती है उन्हें अपने पति के साथ सम्मानित संबंध होने से आशीर्वाद मिलता है।