11 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ सीएम नीतीश ने पीएम मोदी से की मुलाकात, बैठक के बाद सामने आया यह बयान

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समग्र समाचार सेवा
पटना, 24अगस्त। जातिगत जनगणना को लेकर इस समय बिहार में जमकर सियासी हलचल हो रही है। वैसे तो यह मसला विपक्ष ने उठाया था लेकिन सीएम नीतीश की भी सहमति मिल चुकी है। इसी मामले को लेकर सोमवार को सीएम नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के साथ कुल 11 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
करीब 40 मिनट से अधिक समय के इस बैठक में नेताओं नें पीएम मोदी के सामने देश में जातिगत आधार पर जनगणना होने की मांग की, जिससे पिछड़ी जातियों के विकास में तेज़ी लाई जा सके।
इस बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि, ‘सभी लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जातिगत जनगणना की मांग की है। बिहार की सभी राजनीतिक पार्टियों का इसको लेकर एक ही मत है।’ नीतीश कुमार ने यह भी बताया कि सरकार के एक मंत्री की ओर से बयान आया था कि जातिगत जनगणना नहीं होगी, इसलिए हमने बाद में बात की। नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी बात सुनी है।’

तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर कोई काम राष्ट्रहित में है और बिहार की 10 पार्टियां इस मुद्दे पर एकजुट हैं। इससे देश के गरीब या यूं कहें अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को लाभ होगा। मंडल कमीशन से पहले तो पता ही नहीं था कि देश में कितनी जातियां हैं। उसी के बाद पता चला कि देश में हजारों जातियां हैं। उन्होंने कहा कि जब इस देश में जानवरों की गिनती होती है, पेड़ों की होती है तो इंसानों की भी होनी चाहिए। हम ये जानना चाहते हैं जातीय जनगणना क्यों नहीं होनी चाहिए। अगर सरकार के पास स्पष्ट आंकड़ा ही नहीं है तो कल्याणकारी योजनाएं कैसे सही तरीके से लागू होंगी।
बता दें कि तेजस्वी ने उनकी मांग को लेकर पीएम मोदी से मिलने के लिए नीतीश कुमार को भी धन्यवाद दिया।

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