समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30अगस्त। कोरोना वायरस की आने वाली तीसरी लहर की आशंका के बीच इसके नए वेरिएंट के भारत में इंट्री की आशंका व्यक्त की जा रही है। विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों के अनुसार यह वेरियंट बेहद खतरनाक हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, डेल्टा वेरिएंट का यह स्वरूप हाल ही में इजरायल में कोरोना मामलों के तेजी से बढ़ने के लिए जिम्मेदार है।
कोरोना का ये नया वेरिएंट AY.12 इजराइल के अलावा भारत में भी पहुंच चुका है। देश के कई राज्यों में इसके मामले रिपोर्ट किए जा चुके हैं।
र्तमान में जो वेरिएंट पाया गया है वह है – AY.12। इंडियन सार्स-कोवि-2 जिनोमिक्स कॉनर्सोटियम (INSACOG) के द्वारा साप्ताहिक बुलेटिन में में जारी किया गया कि डेल्टा वेरिएंट लगातार लोगों को संक्रमित कर रहा है। वहीं इजराइल में करीब 60 फीसदी लोगों को डबल डोज लगने के बाद संक्रमित हो रहे हैं।
भारतीय वैज्ञानिकों में अब नए स्वरूप को लेकर चिंता बढ़ गई है। कहा जा रहा है की संक्रमित सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान AY-12 म्यूटेशन पर अधिक ध्यान दी जाए। दुनिया भर में अभी कोरोना के डेल्टा वैरिएंट में 13 म्यूटेशन हुए हैं, जिनमें से यह एक है। इन्साकॉग के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि AY-12 म्यूटेशन को लेकर अभी अध्ययन चल रहा है।
AY.12 के लक्षण-
जैसे ही वायरस शरीर में फैलता है, यह खुद की कॉपी बनाने लगता है। कई बार कॉपी बनते समय वायरस से छोटी गलतियां हो जाती हैं, इसके कारण इसका एक नया स्वरूप तैयार हो जाता है। इसी प्रक्रिया के तहत डेल्टा वेरिएंट AY.12 के भी अब तक कई उपवंश तैयार हो चुके हैं। यह वेरिएंट है काफी खतरनाक माना जा रहा है। AY.12 में एक को छोड़कर डेल्टा म्यूटेशन के सभी लक्षण हैं।